भारत की अत्याधुनिक सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल BrahMos ने ऑपरेशन सिंदूर में अपनी ताकत का दमदार प्रदर्शन किया। इस अभियान ने भारत की रणनीतिक सैन्य क्षमताओं को एक बार फिर से दुनिया के सामने लाकर रख दिया। BrahMos की सटीकता, रफ्तार और विध्वंसक क्षमता ने ऑपरेशन की सफलता में अहम भूमिका निभाई।
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भारत की सैन्य ताकत को नई ऊँचाई पर पहुंचाने वाली BrahMos मिसाइल एक बार फिर सुर्खियों में है। हाल ही में अंजाम दिए गए “ऑपरेशन सिंदूर” में इस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल ने निर्णायक भूमिका निभाई, जिससे भारत की रणनीतिक हमला क्षमता का वैश्विक स्तर पर प्रदर्शन हुआ। BrahMos ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वह केवल एक हथियार नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी शक्ति और सैन्य संकल्प का प्रतीक है।
ऑपरेशन सिंदूर एक उच्चस्तरीय सैन्य अभियान था, जिसमें दुश्मन के ठिकानों पर सटीक और तेज हमला करने की रणनीति अपनाई गई थी। इस ऑपरेशन में BrahMos का उपयोग सटीक लक्ष्यभेदी और कम समय में अधिक प्रभावी हमला करने के लिए किया गया। इसकी मारक क्षमता, सुपरसोनिक स्पीड और कम ऊँचाई पर उड़ान भरने की विशेषता ने इसे दुश्मन के रडार से बचने और सर्जिकल स्ट्राइक जैसी सटीकता से वार करने में सफल बनाया।
BrahMos मिसाइल भारत और रूस के संयुक्त सहयोग से विकसित की गई है और यह विश्व की सबसे तेज़ क्रूज़ मिसाइलों में से एक मानी जाती है। इसकी गति 2.8 मैक तक पहुंचती है, यानी यह ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना तेज है। इसकी रेंज अब 450 किमी से बढ़कर 800 किमी तक पहुंच चुकी है, जिससे यह दुश्मन के गहरे इलाकों तक भी मार कर सकती है।
ऑपरेशन सिंदूर में इस मिसाइल का उपयोग यह दर्शाता है कि भारत अब न केवल रक्षात्मक नीति पर निर्भर नहीं है, बल्कि किसी भी संभावित खतरे को आक्रामक रणनीति से पहले ही समाप्त कर सकता है।
BrahMos की खासियत यही नहीं रुकती। इसे भारत की तीनों सेनाओं—थल सेना, नौसेना और वायुसेना—में तैनात किया जा चुका है। थल सेना के लिए यह जमीन से जमीन पर मार करने वाला हथियार है, वहीं नौसेना इसे युद्धपोतों से समुद्री लक्ष्य पर दागती है। वायुसेना के पास Sukhoi-30MKI जैसे विमान हैं, जो हवा से जमीन या समुद्र में लक्ष्य पर यह मिसाइल दाग सकते हैं।
ऑपरेशन सिंदूर में इसी बहुमुखी उपयोगिता ने भारत को रणनीतिक बढ़त दिलाई और लक्ष्य पर बिना देरी के हमला करना संभव बनाया।
BrahMos की यह सफलता केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि उन देशों के लिए भी संदेश है जो इसके संभावित खरीदार बन सकते हैं। फिलहाल फिलीपींस, वियतनाम, और कुछ अन्य एशियाई देश इस मिसाइल प्रणाली में रुचि दिखा चुके हैं। भारत की रक्षा निर्यात नीति को बल देने में BrahMos जैसे सिस्टम बेहद महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं।
BrahMos अब केवल एक मिसाइल प्रणाली नहीं रह गई है, बल्कि यह भारत की रणनीतिक स्वायत्तता, आत्मनिर्भर रक्षा नीति और वैश्विक स्तर पर सैन्य ताकत के रूप में प्रतिष्ठा का प्रतीक बन चुकी है। ऑपरेशन सिंदूर में इसकी सफलता ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा की आती है, तो भारत के पास अब पहले से कहीं अधिक तीव्र, सटीक और घातक हथियार प्रणाली मौजूद है।