कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की दुर्दशा पर बात करने की बजाय सरकार धार्मिक और भावनात्मक मुद्दों को तूल दे रही है।
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“BJP ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है” – सुप्रिया श्रीनेत का सत्ताधारी दल पर तीखा हमला
नई दिल्ली:
कांग्रेस की तेजतर्रार प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर एक बार फिर तीखा हमला बोला है। उनका कहना है कि बीजेपी लगातार देश के असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की रणनीति पर काम कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब भी जनता बेरोजगारी, महंगाई, महिला सुरक्षा या कृषि संकट जैसे ज्वलंत मुद्दों पर सवाल उठाती है, तब सत्ताधारी दल धार्मिक, भावनात्मक और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने लगता है।
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “हर बार चुनाव नजदीक आते ही बीजेपी का ध्यान राष्ट्रवाद, धर्म और जाति जैसे मुद्दों पर शिफ्ट हो जाता है। यह वही पार्टी है जो विकास की बात तो करती है लेकिन ज़मीन पर जनता को कुछ भी राहत नहीं देती।”
उन्होंने यह भी कहा कि देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से चरमरा रही है और करोड़ों युवाओं के पास कोई रोजगार नहीं है, लेकिन इन मुद्दों को उठाने की बजाय सरकार मीडिया के माध्यम से ‘बाहरी मुद्दों’ को बढ़ावा देती है ताकि जनता का ध्यान मूल समस्याओं से हटाया जा सके।
“युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही, किसान आत्महत्या कर रहे हैं, छोटे व्यापारियों की कमर टूट गई है, लेकिन सरकार इन मुद्दों पर बात करने को तैयार नहीं है,” उन्होंने कहा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में श्रीनेत ने महंगाई को लेकर भी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि घरेलू गैस सिलेंडर, पेट्रोल, डीजल और खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। उन्होंने सवाल किया कि जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें कम हुई हैं तो भारत में जनता को राहत क्यों नहीं दी जा रही है?
“बीजेपी केवल कुछ बड़े कॉरपोरेट्स के हित में काम कर रही है। उनके लिए टैक्स में छूट है, सस्ते कर्ज़ हैं और सरकारी नीतियाँ हैं, लेकिन आम आदमी के हिस्से में सिर्फ संघर्ष है,” सुप्रिया ने कहा।
बेरोजगारी को लेकर भी उन्होंने सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि परीक्षा घोटाले, चयन प्रक्रिया में देरी और लाखों रिक्त सरकारी पदों को भरने में विफलता सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाती है।
“देश के युवाओं को केवल भाषण नहीं, नौकरी चाहिए। जब सरकार को उनके लिए कुछ करना होता है, तब वह किसी और मुद्दे की ओर जनता को मोड़ देती है,” उन्होंने कहा।
कृषि संकट पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों से वादे तो बहुत किए थे, लेकिन अब न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर ठोस कानून है और न ही फसल बीमा योजना का कोई असर। उन्होंने यह भी कहा कि किसान आंदोलन के बाद सरकार ने जो आश्वासन दिए थे, वे आज भी अधूरे हैं।
“सरकार को किसानों की नहीं, चुनावी समीकरणों की चिंता है,” उन्होंने कहा।
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि BJP को जब भी आलोचना का सामना करना पड़ता है, तो वह “राष्ट्र के अपमान”, “धर्म के खतरे में होने” और “टुकड़े-टुकड़े गैंग” जैसे जुमलों की आड़ में असली सवालों से बचने की कोशिश करती है।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर भी हमला बोलते हुए कहा कि दोनों नेता मंचों से बड़े-बड़े भाषण तो देते हैं, लेकिन जमीन पर कोई बदलाव नजर नहीं आता।
“ये लोग भाषण देने में माहिर हैं, लेकिन शासन में विफल हैं। देश सिर्फ प्रचार से नहीं चलता, उसे दिशा और नीतियों की जरूरत होती है,” उन्होंने कहा।
सुप्रिया ने मीडिया को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि आज मीडिया का एक बड़ा हिस्सा सरकार का प्रवक्ता बन गया है। “कुछ टीवी चैनल तो मानो बीजेपी के IT सेल से संचालित हो रहे हैं। जो मीडिया कभी सरकार से सवाल करता था, आज वही सरकार के एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने विपक्ष की भूमिका पर कहा कि कांग्रेस पार्टी और अन्य विपक्षी दल जनता के मुद्दों को हर मंच पर उठाते रहेंगे। “हमें दबाने की कोशिश की जाएगी, लेकिन हम हर मुद्दे को उजागर करेंगे — क्योंकि यह देश हमारे लिए सिर्फ चुनाव जीतने का माध्यम नहीं है, यह हमारी जिम्मेदारी है।”
सुप्रिया श्रीनेत के इस बयान के बाद बीजेपी की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। पार्टी नेताओं ने कांग्रेस पर ही उल्टा आरोप लगाया है कि वह “विकास और राष्ट्रवाद के मुद्दों से घबरा गई है।”
हालांकि, सुप्रिया श्रीनेत की यह टिप्पणी देश की राजनीतिक बहस को एक बार फिर असली मुद्दों की ओर मोड़ने का प्रयास करती नजर आ रही है। अब देखना यह होगा कि जनता इन आरोपों और प्रतिक्रियाओं के बीच किसे अधिक विश्वसनीय मानती है।