बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। इसी क्रम में पटना स्थित राष्ट्रीय जनता दल (RJD) कार्यालय में महागठबंधन के प्रमुख नेताओं की एक अहम बैठक हुई। इस बैठक में सीट बंटवारे, प्रचार रणनीति और जातिगत समीकरणों पर चर्चा की गई। महागठबंधन का मकसद है कि आगामी चुनाव में बीजेपी को कड़ी टक्कर दी जाए।
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पटना में जुटे महागठबंधन के नेता, बिहार चुनाव 2025 के लिए बनाई जा रही बड़ी रणनीति
बिहार की सियासी फिजा में गर्मी आ चुकी है। 2025 विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी तेज़ कर दी है। शनिवार को पटना स्थित RJD के प्रदेश कार्यालय में महागठबंधन के वरिष्ठ नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में राजद, कांग्रेस, वाम दलों और अन्य सहयोगी दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
बैठक का मुख्य एजेंडा
बैठक में आगामी चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग, प्रचार अभियान की रणनीति, सामाजिक समीकरण, और संभावित उम्मीदवारों के चयन को लेकर गहन मंथन हुआ। साथ ही, यह भी तय किया गया कि गठबंधन एक समान न्यूनतम साझा कार्यक्रम (CMP) के तहत चुनाव लड़ेगा।
तेजस्वी यादव का नेतृत्व और बयान
RJD नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा,
“महागठबंधन का लक्ष्य है कि बिहार की जनता को एक सशक्त, समावेशी और जनहितैषी विकल्प दिया जाए। हम सामाजिक न्याय और विकास के एजेंडे के साथ चुनाव मैदान में उतरेंगे।”
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तेजस्वी ने यह भी कहा कि नीतीश सरकार की विफलताओं को जनता के सामने लाने के लिए एक जनसंपर्क अभियान भी चलाया जाएगा।
कांग्रेस और वाम दलों की भागीदारी
बैठक में कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष और कुछ वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। वाम दलों – CPI, CPI(M), CPI(ML) – ने भी अपनी सक्रिय भागीदारी दिखाई। सभी दलों ने एकजुट होकर चुनाव लड़ने पर सहमति जताई और कहा कि भाजपा को हराने के लिए संगठित और सशक्त रणनीति की आवश्यकता है।
क्या बोले अन्य नेता?
CPI(ML) के नेता ने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर भाजपा सरकार को घेरा जाएगा। कांग्रेस के प्रतिनिधि ने कहा कि भाजपा की “डबल इंजन सरकार” सिर्फ जुमलों की राजनीति करती है, जबकि ज़मीनी सच्चाई कुछ और है।
जमीनी रणनीति की रूपरेखा तैयार
बैठक में यह भी तय किया गया कि हर जिले में संयुक्त रैलियों, प्रेस कॉन्फ्रेंस, और डोर टू डोर कैंपेन के जरिए जनता से संवाद स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही सोशल मीडिया की भूमिका को भी ध्यान में रखते हुए एक संयुक्त डिजिटल मीडिया टीम बनाई जाएगी।
महागठबंधन का वोट बैंक और उम्मीदें
बिहार की राजनीति में जातिगत समीकरणों का अहम रोल होता है। महागठबंधन यादव, मुस्लिम, दलित, महादलित और पिछड़े वर्गों के कोर वोट बैंक को साथ लाकर भाजपा को टक्कर देने की रणनीति बना रहा है।
बीजेपी की प्रतिक्रिया
महागठबंधन की बैठक पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेताओं ने कहा कि विपक्ष के पास कोई ठोस एजेंडा नहीं है। उन्होंने इसे “जनता को भ्रमित करने की कोशिश” बताया और कहा कि भाजपा अपने विकास कार्यों और जनहित योजनाओं के दम पर फिर से सत्ता में लौटेगी।
राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि यह बैठक 2025 चुनाव की दिशा तय करने वाली हो सकती है। महागठबंधन यदि एकजुट रहकर स्पष्ट रणनीति के तहत आगे बढ़ता है, तो मुकाबला रोचक और कांटे का हो सकता है।
जनता की राय
बिहार के युवाओं और आम जनता की राय इस चुनाव में निर्णायक होगी। कई छात्रों और किसानों का कहना है कि उन्हें रोजगार, शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की जरूरत है – ऐसे में वे मुद्दों की राजनीति को ही तवज्जो देंगे।