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Bengal Violence | 10,000 Gathered, Cop’s Pistol Snatched: Bengal’s Waqf Violence Report

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संपत्ति को लेकर शुरू हुआ विवाद उग्र हिंसा में बदल गया। करीब 10,000 लोगों की भीड़ एकत्र हुई, जिसमें एक पुलिसकर्मी की पिस्तौल तक छीन ली गई। हालात पर काबू पाने के लिए भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है और प्रशासन ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है।

By bishanpreet345@gmail.com 

Updated Date

Bengal Waqf Violence: 10,000 People Gathered, Cop’s Gun Snatched – Police Form SIT to Investigate

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पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में एक बार फिर से साम्प्रदायिक तनाव देखने को मिला, जब वक्फ संपत्ति से जुड़ा विवाद देखते ही देखते भीषण हिंसा में तब्दील हो गया। यह हिंसा तब शुरू हुई जब इलाके में वक्फ बोर्ड से जुड़ी जमीन पर कब्जे को लेकर दो गुटों में विवाद हुआ और स्थिति बेकाबू हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, करीब 10,000 लोग मौके पर इकट्ठा हो गए, और स्थिति इतनी बिगड़ गई कि एक पुलिसकर्मी की पिस्तौल तक छीन ली गई।


घटना का पूरा विवरण

यह घटना मुर्शिदाबाद के बहरमपुर इलाके की बताई जा रही है, जहां वक्फ संपत्ति को लेकर पहले से ही तनाव था। कुछ संगठनों ने दावा किया कि उक्त जमीन पर अवैध निर्माण हो रहा है, जबकि दूसरा पक्ष इसे धार्मिक अधिकारों का हनन बता रहा था।

तनाव के बीच जब पुलिस ने मौके पर स्थिति संभालने की कोशिश की, तभी भीड़ अचानक उग्र हो गई। पत्थरबाजी, तोड़फोड़ और आगजनी की खबरें सामने आईं। इस दौरान एक पुलिसकर्मी की सर्विस पिस्टल भी छीन ली गई, जो अब तक बरामद नहीं हुई है।

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प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया

घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने तुरंत भारी संख्या में पुलिस और RAF तैनात की। क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई है और इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं ताकि अफवाहों को फैलने से रोका जा सके।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है और दोषियों को बख्शा न जाने की बात कही है। राज्य सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया है, जो पूरे घटनाक्रम की बारीकी से जांच करेगा।


राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

इस हिंसा को लेकर राजनीति भी गरमा गई है। बीजेपी ने इस घटना को ‘कानून व्यवस्था की विफलता’ बताया है, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बाहरी तत्व मामले को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। AIMIM और वक्फ से जुड़े संगठनों ने भी स्वतंत्र जांच की मांग की है।

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क्या कहता है वक्फ कानून?

भारत में वक्फ एक्ट 1995 के तहत धार्मिक संपत्तियों का प्रबंधन किया जाता है। इन संपत्तियों पर किसी प्रकार की निजी स्वामित्व की दावेदारी को कानूनन चुनौती दी जा सकती है। लेकिन अस्पष्ट रिकॉर्ड और दस्तावेजों के अभाव में ऐसे मामले अक्सर विवाद का कारण बनते हैं

मुर्शिदाबाद में जिस भूमि को लेकर झगड़ा हुआ, उस पर वर्षों से दोनों पक्षों के बीच विवाद रहा है। हालांकि प्रशासन ने इस पर पहले भी स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की थी, लेकिन मामला फिर उग्र हो गया।


सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

फिलहाल इलाके में स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है, लेकिन एहतियातन भारी पुलिस बल तैनात है। इलाके में CCTV से निगरानी, ड्रोन की सहायता से भीड़ नियंत्रण, और सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है ताकि अफवाहें न फैलें।


स्थानीय लोगों में भय का माहौल

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घटना के बाद स्थानीय व्यापारियों ने दुकानें बंद रखीं, और कई लोग अपने घरों में ही कैद हो गए। बच्चों के स्कूल तक बंद कर दिए गए हैं। कई परिवारों ने दूसरे इलाकों में पलायन करना शुरू कर दिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि हिंसा ने सामाजिक ढांचे पर गहरा असर डाला है।


भविष्य की रणनीति

प्रशासन का कहना है कि SIT की रिपोर्ट आने के बाद अवैध निर्माण, वक्फ दावे और पुलिसकर्मी की पिस्टल चोरी जैसे मुद्दों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, स्थायी समाधान के लिए वक्फ बोर्ड, स्थानीय पंचायत और प्रशासन के बीच त्रिस्तरीय बैठकें शुरू की जाएंगी।


निष्कर्ष

मुर्शिदाबाद की यह घटना सिर्फ एक स्थानीय विवाद नहीं है, बल्कि यह दर्शाती है कि वक्फ संपत्तियों से जुड़े मामलों में कानूनी स्पष्टता और प्रशासनिक सक्रियता बेहद जरूरी है। यह भी आवश्यक है कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों को राजनीतिक और सांप्रदायिक रंग देने से रोका जाए ताकि राज्य में शांति और सामाजिक समरसता बनी रहे।

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