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Barmer में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल की जोरदार तैयारी, आपात स्थिति से निपटने का अभ्यास तेज़

राजस्थान के बाड़मेर ज़िले में सिविल डिफेंस विभाग द्वारा एक बड़ा मॉक ड्रिल आयोजित किया गया, जिसका मकसद आपातकालीन स्थितियों में राहत और बचाव कार्यों की तैयारियों को परखना था। इसमें स्थानीय प्रशासन, पुलिस, अग्निशमन और स्वास्थ्य विभाग की टीमें सक्रिय रूप से शामिल रहीं। यह अभ्यास संभावित आपदाओं के लिए तैयारियों को पुख्ता करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

By bishanpreet345@gmail.com 

Updated Date

Barmer में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल: आपदा से पहले तैयारी का बड़ा कदम

राजस्थान के बाड़मेर जिले में सिविल डिफेंस विभाग ने एक विस्तृत मॉक ड्रिल अभ्यास का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य संभावित आपात स्थितियों—जैसे भूकंप, अग्निकांड, विस्फोट या केमिकल लीक—से निपटने के लिए प्रशासनिक एजेंसियों की प्रतिक्रिया क्षमता का आकलन करना था। इस अभ्यास में फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य विभाग, NDRF की तर्ज़ पर प्रशिक्षित टीमें, स्थानीय पुलिस बल, और स्वयंसेवी संगठनों ने हिस्सा लिया।

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मॉक ड्रिल के दौरान एक नकली दुर्घटना स्थल बनाया गया जिसमें विस्फोट के बाद घायल नागरिकों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने, प्राथमिक उपचार देने और स्थिति पर नियंत्रण पाने की प्रक्रिया का रियल-टाइम अनुकरण किया गया। खास बात यह रही कि आम जनता को भी इस ड्रिल का हिस्सा बनाया गया, जिससे लोगों में आपातकालीन जागरूकता बढ़े और वे खुद भी आत्म-रक्षा के तरीकों को जान सकें।

अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी

इस मौके पर जिला कलेक्टर, एसपी, और अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने पूरी प्रक्रिया का निरीक्षण किया और ड्रिल के दौरान आने वाली कमियों और सफलताओं का ऑन-स्पॉट मूल्यांकन किया। अधिकारियों ने बताया कि इस प्रकार के अभ्यास केवल प्रशासन को तैयार रखते हैं, बल्कि आम नागरिकों को भी आपात स्थिति में सही निर्णय लेने और शांत रहने की क्षमता विकसित करते हैं।

स्कूलों और कॉलेजों की भी भागीदारी

सिविल डिफेंस ड्रिल में स्थानीय स्कूलों और कॉलेजों के विद्यार्थियों को भी शामिल किया गया, जिससे उन्हें प्राकृतिक आपदा या आतंकी हमले जैसी स्थितियों में सुरक्षित रहने के उपायों की जानकारी दी गई। छात्रों को बताया गया कि कैसे सीमित संसाधनों में प्राथमिक चिकित्सा, अलार्म सिस्टम का उपयोग, और सुरक्षित स्थान की पहचान करना ज़रूरी होता है।

तकनीकी उपकरणों का प्रदर्शन

ड्रिल के दौरान उन्नत रेस्क्यू उपकरणों, जीपीएस ट्रैकिंग, ड्रोन सर्विलांस, और हाई-टेक फायर कंट्रोल सिस्टम का भी प्रदर्शन किया गया। इन उपकरणों की सहायता से किसी भी घटना स्थल तक त्वरित पहुंच और प्रभावी नियंत्रण की प्रक्रिया को परखा गया।

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इस ड्रिल से यह साफ हो गया कि बाड़मेर जिला प्रशासन आधुनिक तकनीक और कुशल मानव संसाधन के माध्यम से आपात स्थिति में प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया देने के लिए पूरी तरह तैयार है।

आम जनता में सुरक्षा के प्रति विश्वास

मॉक ड्रिल के बाद स्थानीय लोगों ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस तरह की गतिविधियों से उनका प्रशासन पर भरोसा बढ़ता है और उन्हें खुद को सुरक्षित रखने के तरीके जानने को मिलते हैं। कई लोगों ने यह सुझाव भी दिया कि इस तरह की ड्रिल को और अधिक नियमित किया जाना चाहिए, खासकर ग्रामीण इलाकों में।

निष्कर्ष

बाड़मेर में हुआ यह सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल केवल एक रूटीन अभ्यास नहीं था, बल्कि यह दर्शाता है कि जिला प्रशासन और नागरिक समाज किसी भी आपात या आपदा की स्थिति में संगठित और प्रभावी प्रतिक्रिया देने के लिए तत्पर हैं। यह पहल भविष्य की चुनौतियों से निपटने की एक ठोस तैयारी मानी जा रही है।

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