झारखंड में घोटालों को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। पक्ष-विपक्ष सभी एक-दूसरे पर हमालावर हैं।
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रांची। झारखंड में घोटालों को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। पक्ष-विपक्ष सभी एक-दूसरे पर हमालावर हैं। सूबे के सबसे बड़े घोटाले के आरोप से घिरा पंकज मिश्रा विपक्ष के निशाने पर है। उस पर 1000 करोड़ के अवैध खनन से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।
इस मामले में ईडी ने साहिबगंज, बरहड़वा, मिर्जाचौकी, राजमहल, उधवा और बरहेट स्थित 18 ठिकानों पर छापेमारी की थी। छापेमारी में पंकज मिश्रा के साहिबगंज स्थित आवास से 5.34 करोड़ की नगदी और निवेश संबंधी कई दस्तावेज भी जब्त किए गए थे।
इसके बाद से ही उसके कई साथियों को ईडी गिरफ्तार कर चुकी है और लगातार कार्रवाई भी कर रही है। लेकिन अब इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है। जिससे एक बार फिर झारखंड में घोटालों का शोर सुनाई दे रहा है।
प्रदेश बीजेपी के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस मामले में एक ट्वीट करके प्रदेश की राजनीति गरमा दी है। मरांडी ने अपने ट्वीट में प्रदेश की पुलिस और सरकार पर भी आरोप लगाए हैं।
दाहू यादव कहीं मुंह न खोल दे इसलिए बचा रही सरकार
बाबूलाल ने अपने ट्वीट में दावा किया है कि गैंग्स ऑफ साहिबगंज गिरोह का मेम्बर अपराधी दाहू यादव को पुलिस इसलिए नहीं पकड़ रही है कि उसने पकड़े जाने पर मुंह खोलकर ईडी को वहां के सरग़ना पंकज मिश्रा समेत लूट के सारे सरकारी-ग़ैर सरकारी हिस्सेदारों के बारे में सबकुछ बता देने की चेतावनी दे रखी है।
दाहू की चेतावनी से पुलिस और प्रशासन के उन अफ़सरों की सांसें फूल रही है जो दाहू के अपराध और काली कमाई के हिस्सेदार रहे हैं। यही वजह है कि पुलिस ने दाहू के कुर्की-ज़ब्ती की सिर्फ़ ख़ानापूर्ति की। उसके व्हाइट हाउस, होटल और उसके क़ब्ज़े वाले विवादित मकानों समेत उसके दूसरे सम्पत्तियों को हाथ तक नहीं लगाया है।