AIMIM प्रमुख Asaduddin Owaisi ने हाल ही में Waqf कानून को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों और अधिकारों को निशाना बना रही है। इस मुद्दे पर ओवैसी ने संविधान और अल्पसंख्यक अधिकारों का हवाला देते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने मुस्लिम समाज से एकजुट होकर अपने हक के लिए आवाज उठाने की अपील भी की।
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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा Waqf (वक्फ) कानून में किए जा रहे बदलावों पर गहरी चिंता व्यक्त की है। हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने आरोप लगाया कि यह केवल कानून में बदलाव नहीं बल्कि मुस्लिम समुदाय के संवैधानिक अधिकारों पर सीधा हमला है।
ओवैसी ने कहा कि वक्फ संपत्तियां मुस्लिम समाज की धार्मिक, शैक्षणिक और सामाजिक गतिविधियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। “सरकार अगर वक्फ बोर्ड की शक्तियों को कम करने या संपत्तियों का अधिग्रहण करने की कोशिश कर रही है, तो यह न केवल असंवैधानिक है, बल्कि यह धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन है,” ओवैसी ने अपने भाषण में जोर देते हुए कहा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि वक्फ संपत्तियों का इतिहास भारत में सैकड़ों साल पुराना है और इन्हें मुस्लिम समुदाय के भले के लिए समर्पित किया गया था। ओवैसी ने कहा कि अगर सरकार इसमें हस्तक्षेप करती है, तो यह करोड़ों मुसलमानों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने जैसा होगा।
“जब देश का संविधान सभी धर्मों को बराबरी का अधिकार देता है, तो मुस्लिम वक्फ संपत्तियों पर सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं?” ओवैसी ने सवाल करते हुए कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार एक सोची-समझी साजिश के तहत अल्पसंख्यकों के अधिकारों को खत्म करने की कोशिश कर रही है।
असदुद्दीन ओवैसी ने यह भी कहा कि वक्फ कानून में किसी भी प्रकार के बदलाव से पहले मुस्लिम समुदाय और वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधियों से चर्चा करना अनिवार्य होना चाहिए। “बिना संवाद के किया गया कोई भी निर्णय लोकतंत्र और न्याय के खिलाफ है,” उन्होंने जोर देकर कहा।
अपने बयान में ओवैसी ने मुस्लिम समाज से अपील की कि वे एकजुट होकर अपने हक की रक्षा करें। “हमें अदालतों से लेकर सड़कों तक, हर मंच पर अपनी आवाज बुलंद करनी होगी,” उन्होंने कहा। इसके साथ ही उन्होंने वक्फ बोर्डों को भी संगठित होकर अपनी संपत्तियों की रक्षा करने का आह्वान किया।
ओवैसी ने इस मुद्दे को संसद में भी उठाने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि वह अन्य विपक्षी दलों से भी इस पर समर्थन मांगेंगे ताकि एक मजबूत संयुक्त आवाज सरकार तक पहुंचे।
अंत में, AIMIM प्रमुख ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, “अगर वक्फ कानून के साथ छेड़छाड़ की गई तो हम इसे अदालत में चुनौती देंगे और देशभर में विरोध प्रदर्शन करेंगे। मुस्लिम समाज के अधिकारों की रक्षा के लिए हम कोई भी बलिदान देने को तैयार हैं।”