ये तो होना ही था और हो भी गया। शनिवार देर रात वार्डो में आरक्षण जारी हुआ तो बवाल शुरू हो गया। आरक्षण की लिस्ट को देख कई विधायक आग बबूला हो रहे हैं। बाकायदा खबर ये है कि कई विधायकों की नाराजगी बंद कमरे से बाहर भी आने लगी है । इस लिस्ट में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी से लेकर विधायक खजान दास इस आरक्षण को लेकर नाराज नजर आ रहे हैं। वहीं विधायक सविता कपूर ने भी अपना दर्द पार्टी फोरम पर बयां कर दिया है ।
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देहरादून। ये तो होना ही था और हो भी गया। शनिवार देर रात वार्डों में आरक्षण जारी हुआ तो बवाल शुरू हो गया। आरक्षण की लिस्ट को देख कई विधायक आग बबूला हो रहे हैं। बाकायदा खबर ये है कि कई विधायकों की नाराजगी बंद कमरे से बाहर भी आने लगी है । इस लिस्ट में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी से लेकर विधायक खजान दास इस आरक्षण को लेकर नाराज नजर आ रहे हैं। वहीं विधायक सविता कपूर ने भी अपना दर्द पार्टी फोरम पर बयां कर दिया है ।
बाकायदा सरकारी मशीनरी से सभी विधायक आरक्षण को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कर चुके हैं। वैसे तो सरकारी तंत्र ने पहले ही साफ कर दिया था कि यह अनंतिम सूची है। एक हफ्ते का वक्त आपत्ति दर्ज करने के लिए दिया गया है। प्रशासन के इस जवाब के बाद अब विधायक अपना समर्थकों के माध्यम से वार्डों में आरक्षण को लेकर आपत्ति दर्ज करने की तैयारी कर रहे हैं।
भाजपा के ही कई ऐसे विधायक हैं जो आरक्षण को पूरी तरह तर्कसंगत बताने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। यह कहां जा सकता है कि विपक्ष से ज्यादा सत्ता पक्ष के विधायक आरक्षण पर आर – पार करने के मूड में है। वहीं सरकार के मुखिया कहे रहे हैं कि आपत्ति को गंभीरता से लिया जाएगा। भाजपा के वरिष्ठ विधायक मुन्ना सिंह चौहान जहां आरक्षण में कमियों को गिनाने का काम कर रहे है तो वहीं दूसरी तरफ विधायक विनोद चमोली इस आरक्षण को सही बता रहे हैं। निकाय चुनाव में आरक्षण तय होने के बाद सत्ता पक्ष के विधायक अब आपस में ही भिड़ते हुए नजर आ रहे हैं।
वहीं ये खबर सीएम धामी के कानों तक पहुंची तो उन्होंने हर आपत्ति को गंभीरता से लेने की बात कह डाली। वहीं निकाय चुनाव को लेकर नियमों के उल्लंघन का जिक्र कांग्रेसी भी कर रहे हैं। ये कहते हुए कि सरकार की तरफ से आरक्षण तय करने में नियमों की घज्जियां उड़ाई गई । ऐसे में कांग्रेस चुप्प नहीं बैठेगी। निकायों में आरक्षण तय होने के बाद यह तो जाहिर है कि नेता इस आरक्षण को आपत्ति जरुर लगाएंगे। लेकिन जिस तरीके से यह आरक्षण लागू हुआ है उससे साफ जाहिर है कि इस बार चुनाव के नतीजे कुछ अलग जरूर होंगे।