Booking.com
  1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. उत्तर प्रदेश में गंगा बेसिन में लुप्तप्राय कछुओं के संरक्षण को मिली मंजूरी, जैव विविधता संरक्षण पर भी चर्चा

उत्तर प्रदेश में गंगा बेसिन में लुप्तप्राय कछुओं के संरक्षण को मिली मंजूरी, जैव विविधता संरक्षण पर भी चर्चा

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) की 58वीं कार्यकारी समिति की बैठक में विभिन्न महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव कुमार मितल ने की। इन परियोजनाओं का उद्देश्य गंगा नदी और उसके जलीय जीवन के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाना है। चंबल, सोन, दामोदर और टोंस नदियों के पर्यावरणीय प्रवाह के आकलन के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना को कार्यकारी समिति द्वारा अनुमोदित किया गया है।

By HO BUREAU 

Updated Date

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) की 58वीं कार्यकारी समिति की बैठक में विभिन्न महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव कुमार मितल ने की। इन परियोजनाओं का उद्देश्य गंगा नदी और उसके जलीय जीवन के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाना है। चंबल, सोन, दामोदर और टोंस नदियों के पर्यावरणीय प्रवाह के आकलन के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना को कार्यकारी समिति द्वारा अनुमोदित किया गया है।

पढ़ें :- सपा-कांग्रेस में रार, 'INDIA' गठबंधन रहेगा बरकरार ? ममता के समर्थन में सपा, कांग्रेस हुई खता ? 

रुपये के अनुमानित बजट के साथ। 11 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना का उद्देश्य न केवल इन नदियों के पर्यावरणीय प्रवाह का मूल्यांकन करना है, बल्कि हाइड्रोलॉजिकल और हाइड्रोडायनामिक मॉडल भी तैयार करना है जो प्रवाह प्रणालियों के वैज्ञानिक मूल्यांकन की अनुमति देते हैं। इसमें मौजूदा जल धारा और प्राकृतिक प्रवाह पैटर्न का अध्ययन शामिल होगा, जो न केवल पानी की मात्रा और गुणवत्ता में सुधार करेगा बल्कि इन नदी प्रणालियों के भीतर जैव विविधता का दस्तावेजीकरण भी करेगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि उनका पारिस्थितिकी तंत्र संतुलित और समृद्ध रहेगा।

गंगा नदी डॉल्फिन के संरक्षण के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी दी गई है। ‘फंसे हुए गंगा नदी डॉल्फ़िन की सुरक्षा के लिए उन्नत बचाव प्रणाली’ नामक इस परियोजना का अनुमानित बजट 1 करोड़ रुपये है। इसका उद्देश्य संकट में डॉल्फ़िन की सहायता के लिए एक विशेष बचाव वाहन, ‘डॉल्फ़िन एम्बुलेंस’ विकसित करना है। इसके अतिरिक्त, परियोजना प्रशिक्षण के माध्यम से डॉल्फिन संरक्षण और सामुदायिक क्षमता निर्माण के लिए जागरूकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगी।

उत्तर प्रदेश में गंगा बेसिन में लुप्तप्राय कछुओं के संरक्षण के लिए एक अभिनव और अत्यधिक महत्वपूर्ण परियोजना को भी मंजूरी दी गई है। इस पहल का उद्देश्य न केवल लुप्तप्राय कछुआ प्रजातियों का पुनर्वास करना है, बल्कि राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य में एक स्थानिक निगरानी और रिपोर्टिंग उपकरण की स्थापना के साथ-साथ तीन अत्यधिक खतरे वाली प्रजातियों को फिर से स्थापित करना भी है। इस परियोजना पर रु. 78.09 लाख.

कोलकाता के केओरापुकुर में 50 एमएलडी एसटीपी (मिलियन लीटर प्रतिदिन सेप्टेज ट्रीटमेंट प्लांट) के पुनर्वास को रुपये के संशोधित बजट के साथ मंजूरी दे दी गई है। 114.27 करोड़, शुरुआती रुपये से ऊपर। 67.06 करोड़. यह महत्वपूर्ण परियोजना कोलकाता में जल शुद्धिकरण प्रक्रियाओं में सुधार और पर्यावरण मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस परियोजना में इसकी दीर्घकालिक सफलता सुनिश्चित करने के लिए 15 वर्षों के संचालन और रखरखाव का प्रावधान शामिल है।

पढ़ें :- मानवाधिकार उल्लंघन के 23.14 लाख से अधिक मामले किए गए दर्ज, पीड़ितों को राहत के रूप में मिले 256.57 करोड़

पश्चिम बंगाल के बर्धमान में इंटीग्रेटेड सेप्टेज ट्रीटमेंट प्लांट परियोजना की संशोधित मंजूरी के साथ एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इस परियोजना को अब रुपये के संशोधित बजट के साथ मंजूरी दे दी गई है। 10.35 करोड़, पिछले रुपये से अधिक। 6.46 करोड़. इस परियोजना के तहत 50 केएलडी (किलो लीटर प्रतिदिन) क्षमता वाले एफएसटीपी (मल कीचड़ उपचार संयंत्र) का निर्माण किया जाएगा, जिसमें न केवल संयंत्र की स्थापना बल्कि पांच वर्षों तक इसके संचालन और रखरखाव का प्रावधान भी शामिल है।

बैठक के दौरान यात्रा वृत्तांत श्रृंखला “रग-रग में गंगा- एक जीवन धारा” के तीसरे सीज़न के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह नया सीज़न गंगा के महत्व और संरक्षण प्रयासों को नए नजरिए से प्रस्तुत करेगा। यह सीज़न पारिस्थितिक संतुलन, जलीय जीवन की सुरक्षा, पर्यावरण-पर्यटन, सांस्कृतिक विरासत और सक्रिय सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगा।

हिंदी में 16 एपिसोड वाली यह श्रृंखला गंगा के पुनरुद्धार की अविश्वसनीय यात्रा को प्रदर्शित करेगी, जिसमें गंगा डॉल्फिन और घड़ियाल जैसे दुर्लभ जलीय जीवों का संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा शामिल है। 6.25 करोड़ की लागत से गंगा नदी से जुड़ी भारत की अमूल्य विरासत को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने का प्रयास किया जाएगा। देशभर के दर्शक इस सीरीज को दूरदर्शन पर देख सकेंगे।

बैठक में ऋचा मिश्रा, संयुक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार, डीओडब्ल्यूआर, आरडी एंड जीआर, जल शक्ति मंत्रालय,  नलिन श्रीवास्तव, उप महानिदेशक, एनएमसीजी,  अनुप कुमार श्रीवास्तव, ईडी (तकनीकी), एसपी वशिष्ठ, ईडी (प्रशासन),  भास्कर दासगुप्ता, ईडी (वित्त), नंदिनी घोष परियोजना निदेशक एसपीएमजी पश्चिम बंगाल ने भाग लिया।

पढ़ें :- पश्चिमी वायु कमान का कमांडर सम्‍मेलन-2024, "भारतीय वायु सेना - सशक्त, सक्षम, आत्मनिर्भर" पर जोर  
इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook, YouTube और Twitter पर फॉलो करे...
Booking.com
Booking.com