झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा आयोजित CGL परीक्षा 2023 में गड़बड़ी और पेपर लीक के आरोप के बाद राज्य में भारी विवाद खड़ा हो गया है। इस मामले में अब तक सीआईडी ने दो केस दर्ज किए हैं, और इसके साथ ही जांच के लिए एक एसआईटी टीम का गठन किया गया है।
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रांची। झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा आयोजित CGL परीक्षा 2023 में गड़बड़ी और पेपर लीक के आरोप के बाद राज्य में भारी विवाद खड़ा हो गया है। इस मामले में अब तक सीआईडी ने दो केस दर्ज किए हैं, और इसके साथ ही जांच के लिए एक एसआईटी टीम का गठन किया गया है।
यह पूरी मामला अब झारखंड हाईकोर्ट तक पहुंच चुकी है, जिसने अगले आदेश तक परीक्षा के अंतिम परिणाम पर रोक लगा दी है। सीआईडी ने पेपर लीक के आरोपों की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है। सीआईडी डीआईजी संध्या रानी मेहता इस टीम का नेतृत्व करेंगी।
एसआईटी टीम में सीआईडी एसपी निधि द्विवेदी, रांची के ग्रामीण एसपी सुमित कुमार अग्रवाल, रांची के मुख्यालय के डीएसपी अमर कुमार पांडे, और सीआईडी में प्रतिनियुक्ति डीएसपी मुन्ना गुप्ता शामिल हैं। इस टीम ने जांच शुरू कर दी है और वे अब विभिन्न बिंदुओं पर अनुसंधान कर रहे हैं।
सीआईडी ने इस मामले में दो केस दर्ज किए हैं। एक केस झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की शिकायत पर, जबकि दूसरा केस हजारीबाग के रहने वाले राजेश प्रसाद की शिकायत पर रांची के रातू थाना में दर्ज हुआ है. दोनों मामलों की जांच अब सीआईडी के तहत एसआईटी टीम द्वारा की जा रही है. परीक्षा के बाद हुए विवाद
21 और 22 सितंबर 2024 को JSSC द्वारा राज्य के 823 परीक्षा केंद्रों पर CGL परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा के दौरान, राज्य सरकार ने कदाचार को रोकने के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी। हालांकि, परीक्षा के बाद कुछ फर्जी वीडियो और तस्वीरें वायरल होने से परीक्षा की स्वच्छता पर सवाल खड़े किए गए।
झारखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें सीबीआई से इस मामले की जांच की मांग की गई थी. हाईकोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया और परीक्षा के परिणामों की घोषणा पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी 2025 को होगी।
JSSC CGL परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर छात्रों ने हजारीबाग और रांची में विरोध प्रदर्शन किया था. इन प्रदर्शनों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा था। छात्रों का आरोप था कि परीक्षा में गड़बड़ी हुई है और पेपर लीक होने की वजह से निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं।
सीआईडी ने इस मामले की जांच में आम लोगों और परीक्षार्थियों से सबूत मांगे हैं. इसके लिए विज्ञापन के माध्यम से लोगों को सूचित किया जाएगा कि अगर किसी के पास पेपर लीक से जुड़ा कोई भी साक्ष्य हो, तो वह इसे सीआईडी को सौंपें। इन साक्ष्यों को जांच में शामिल किया जाएगा, ताकि दोषियों को सजा मिल सके।