25 में महाकुंभ और युपी में महासियासत जारी है।विपक्षीयों ने अमित शाह के बयान को अपना अस्त्र बनाया है तो महाकुंभ के जरिए बीजेपी ने अपना ब्रह्मास्त्र निकाला है। ऐसे में 27 से पहले घमासान जारी है।यूपी में अंबेडकर vs महाकुंभ। संविधान vs आस्था जैसा अभियान चल चुका है। सत्ता धारी भाजपा महाकुंभ का प्रचार प्रसार कर रही। बड़े बड़े लोगों से लेकर गांव के अंतिम व्यक्ति तक को महाकुंभ का महत्व दर्शा रही है।
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लखनऊ। 25 में महाकुंभ और युपी में महासियासत जारी है।विपक्षीयों ने अमित शाह के बयान को अपना अस्त्र बनाया है तो महाकुंभ के जरिए बीजेपी ने अपना ब्रह्मास्त्र निकाला है। ऐसे में 27 से पहले घमासान जारी है। यूपी में अंबेडकर vs महाकुंभ। संविधान vs आस्था जैसा अभियान चल चुका है। सत्ता धारी भाजपा महाकुंभ का प्रचार प्रसार कर रही। बड़े बड़े लोगों से लेकर गांव के अंतिम व्यक्ति तक को महाकुंभ का महत्व दर्शा रही है।
आस्था से जुड़े आयोजन को इतिहास में दर्ज करना चाहती है। वहीं विपक्षी दल कांग्रेस और सपा अंबेडकर के अपमान और संविधान से खिलवाड़ जैसे मुद्दों को धार देने के लिए गांव गांव अभियान चलाने में व्यस्त है।
सपा ने pda चर्चा अभियान यात्रा निकाल दी है जिसके तहत सपाई 25 जनवरी तक गांव शहर, कस्बे में जाकर लोगों को संविधान की शपथ दिलाएंगे। अंबेडकर के अपमान पर चर्चा करेंगे। कांग्रेस भी पूरे प्रदेश में गृह मंत्री अमित शाह के बयान को बड़ा मुद्दा बनाकर सालों उस पर सियासत करने के प्लान में जुट गई है। सपा अपने साइकिल के पैडल को चलाकर अपने भाजपा के कमल को 27 में कुम्लाहने का पुरा प्लान बना चुकी है। जिस महाकुंभ के जरिए बीजेपी हिंदुत्व के मुद्दे को धार दे रही है।