अंबाला शहर की अनाज मंडी गेहूं की फसल से भर गई है। आलम यह है कि मंडी में अब जगह न बचने के कारण किसानों को अपनी खून पसीने की कमाई मजबूरन मंडी से दूर खुले आसमान के नीचे हुड्डा ग्राउंड में उतारनी पड़ रही है। बता दें कि प्रशासन के आधे अधूरे बंदोबस्त और ढीली कार्यशैली ही किसानों के लिए परेशानी का सबब बन रही है।
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अंबाला। अंबाला शहर की अनाज मंडी गेहूं की फसल से भर गई है। आलम यह है कि मंडी में अब जगह न बचने के कारण किसानों को अपनी खून पसीने की कमाई मजबूरन मंडी से दूर खुले आसमान के नीचे हुड्डा ग्राउंड में उतारनी पड़ रही है। बता दें कि प्रशासन के आधे अधूरे बंदोबस्त और ढीली कार्यशैली ही किसानों के लिए परेशानी का सबब बन रही है।
लिफ्टिंग न होने की वजह से अब न तो मंडी से फसल का उठान हो रहा है और न ही किसानों को उसकी फसल की पेमेंट ही मिल पा रही है। ऐसे में अब प्रदेश सरकार का 72 घंटे में फसल के भुगतान का दावा भी फेल साबित हो रहा है।
इसी बीच ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव चेतन चौहान अंबाला शहर की अनाज मंडी में पहुंचे। जहां उन्होंने मंडी में व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया और किसानों व आढ़तियों से भी बातचीत की। जिसमें आढ़तियों ने अपनी कमीशन और किसानों ने फसल की लिफ्टिंग व भुगतान न होने की समस्याएं बताई।