साल 2024 लोकसभा चुनाव में 37 सीटें जीतने के बाद अखिलेश यादव अब पिछड़े और अल्पसंख्यक के साथ साथ दलितों पर विशेष फोकस करने तैयारी मे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज सांसद अखिलेश यादव की यह रणनीति 2027
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लखनऊ। साल 2024 लोकसभा चुनाव में 37 सीटें जीतने के बाद अखिलेश यादव अब पिछड़े और अल्पसंख्यक के साथ साथ दलितों पर विशेष फोकस करने तैयारी मे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज सांसद अखिलेश यादव की यह रणनीति 2027 मे भी काम आएगी साल 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने अभी से कमर कसना शुरू कर दिया है पार्टी बूथ हस्तर से लेकर जिले इकाई के नेताओं को लगातार निर्देश कर रही है 2024 के लोकसभा चुनाव में 37 सीटें जीतने के साथ इंडिया गठबंधन ने 43 सीटें जीती जिसमें विशेष तौर पर यादव और मुस्लिम समाज के साथ दलित समाज ने भी इंडिया गठबंधन के पक्ष में वोट किया था तो वहीं पर अब अखिलेश यादव का मानना है अगर उन्हें 2027 में सत्ता में आना है तो उन्हें D फैक्टर यानी कि दलित फैक्टर पर लगातार काम करना होगा. इस बार के चुनाव में संविधान बचाने के नाम पर बड़ी संख्या में दलितों ने समाजवादी पार्टी और इंडिया गठबंधन को वोट दिया पर अब यह सिलसिला बरकरार रहे इसके लिए अखिलेश यादव लगातार रणनीति बना रहे हैं।
अखिलेश यादव दलित समाज को अपने साथ साधने की रणनीति लोकसभा चुनाव सफल हुई है एक तरफ अखिलेश यादव ने लोकसभा में अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता और अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद को अखिलेश यादव ने हर मंच पर एक अलग जगह और मान सम्मान देने का काम किया है वहीं अगर लोकसभा के उप स्पीकर का नाम आगे करनी की बात हुई तो गठबंधन की ओर से अवधेश प्रसाद का नाम आगे करने का भी मन समाजवादी पार्टी बना रही है. इसके अलावा दलित समाज से ही आने वाले आर के चौधरी को भी अखिलेश यादव संसद में खूब जगह दे रहे हैं आर के चौधरी का शपथ ग्रहण के बाद से ही सेंगोल को लेकर के दिया हुआ बयान लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है ऐसे ही अखिलेश यादव दलित समाज से आने वाले नेताओं के साथ ही ग्राउंड स्तर पर भी इस समाज में अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं
समाजवादी के सूत्रों के माने तो संसद के अलावा अब यूपी में भी दलितों को रिझाने के लिए अभियान चलने वाला है. इसमें जिलों के साथ-साथ गांव में होने वाली पीडीए पंचायत में पार्टी के दलित नेता अपने समाज की पंचायत लगाएंगे और बड़ी संख्या में इस समाज को जोड़ने की कवायद अखिलेश यादव करने जा रहे हैं