लोकसभा का बजट सत्र 2025 शुरू होने के साथ ही विपक्ष का हंगामा भी शुरू हो गया। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया।
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दिल्ली। लोकसभा का बजट सत्र 2025 शुरू होने के साथ ही विपक्ष का हंगामा भी शुरू हो गया। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। अखिलेश यादव ने महाकुंभ 2025 में हुए हादसे को लेकर संसद में चर्चा करने की मांग शुरू कर दी। वहीं, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया। मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देने वाले इस बजट के बाद समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर दोहराया कि बजट के आंकड़ों से अधिक जरूरी महाकुंभ मेला हादसे में मृत लोगों के आंकड़े हैं। इसे जारी न कर पाने वाली सरकार से क्या उम्मीद की जा सकती है।
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बजट पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान
"आज बजट आ रहा है, बजट आम लोगों को मायूस ना करे''
''सरकार महाकुंभ की भयावह स्थिति पर ध्यान दे''#BreakingNews #latestnews #upnews #Budget @samajwadiparty @yadavakhilesh #MahakumbhStampede pic.twitter.com/bmYOP6Qttt
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— India Voice (@indiavoicenews) February 1, 2025
बजट सत्र से पहले क्या कहा –
अखिलेश यादव ने वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश किए जाने से पहले संसद भवन परिसर में मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि बजट अपनी जगह है, लेकिन कुंभ महत्वपूर्ण है। वहां हिंदुओं की जान गई है। यूपी सरकार पर हमला बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि कितना खर्च हुआ है। विज्ञापन चल रहे हैं लोगों को बुलाने के लिए। 40 करोड़ लोगों के कुंभ में पहुंचने का लक्ष्य रखा गया। डिजिटल महाकुंभ का दावा किया गया।
अखिलेश ने सवालिया लहजे में कहा कि डिजिटल महाकुंभ होगा तो वहां सीसीटीवी भी लगे थे। क्या उनकी जानकारी में नहीं थी? वहां की स्थिति के बारे में क्या उन्हें पता नहीं चला? आप आसमान में ड्रोन उड़ा रहे थे, क्या इससे जानकारी नहीं मिली? इस मामले में अब चर्चा होनी चाहिए।
इंतजाम फेल, हिंदुओं की गई है जान
अखिलेश यादव ने कहा कि बजट अपनी जगह है, लेकिन कुंभ मेला में हिंदुओं की जान गई है। बड़ी संख्या में लोग अपने परिजनों को खोज रहे हैं। उनके बारे में जानकारी नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि हमने पहले ही मेला प्रबंधन को सेना के हवाले करने का सुझाव दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार लोगों को बुलाने में रही। इंतजाम में फेल हुई है।