समाजवादी पार्टी (SP) के सांसद धर्मेन्द्र यादव ने AIMPLB (ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड) के प्रेस कांफ्रेंस में केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने सरकार के विभिन्न फैसलों को मुस्लिम समाज के खिलाफ बताया और कई मुद्दों पर तीखी आलोचना की। धर्मेन्द्र यादव ने कहा कि सरकार का रवैया समाज को बांटने और उसकी विविधता को नष्ट करने वाला है।
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समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेन्द्र यादव ने AIMPLB की प्रेस कांफ्रेंस में हिस्सा लिया और कहा कि,
“केंद्र सरकार का हर कदम मुस्लिम समुदाय के खिलाफ जाता है। चाहे वह नागरिकता संशोधन कानून (CAA) हो या तीन तलाक पर फैसला, सरकार मुस्लिमों के अधिकारों को नकार रही है।”
उन्होंने यह भी कहा कि, “यह सरकार सिर्फ अपनी राजनीति के लिए देश की सामाजिक धारा को नुकसान पहुंचा रही है।”
AIMPLB के प्रतिनिधियों ने धर्मेन्द्र यादव के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि, “भारत का मुसलमान आज भी अपने अधिकारों से वंचित है और सरकार लगातार उनकी समस्याओं को नज़रअंदाज़ कर रही है।”
AIMPLB ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नागरिकों की पहचान (NRC) को मुस्लिम विरोधी बताते हुए कहा कि इस प्रकार के कानून संविधान के खिलाफ हैं।
भा.ज.पा. के नेता रवि शंकर प्रसाद ने धर्मेन्द्र यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि, “यह आरोप निराधार हैं। भाजपा सरकार ने हमेशा समाज के हर वर्ग की भलाई के लिए काम किया है।”
रवि शंकर प्रसाद ने यह भी कहा कि, “सभी नागरिकों को समान अधिकार देने के लिए सीएए और अन्य विधायकों को लागू किया गया है, और यह संविधान के अनुरूप है।”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने AIMPLB की प्रेस कांफ्रेंस में हुए बयान का समर्थन करते हुए कहा कि, “सरकार ने मुस्लिम समुदाय के प्रति अपनी नफरत का परिचय दिया है। हम सरकार से इसका हिसाब लेंगे।”
इसके अलावा, अन्य विपक्षी दलों जैसे राहुल गांधी और मायावती ने भी अपने बयान जारी करते हुए सरकार की आलोचना की है।
AIMPLB के प्रवक्ता मौलाना मोहम्मद सईद ने कहा कि मुस्लिम समुदाय सरकार की नीतियों के कारण बेहद चिंतित है। उन्होंने यह भी कहा कि,
“सरकार ने जो कदम उठाए हैं, वह मुस्लिमों की धार्मिक स्वतंत्रता और उनके मूल अधिकारों पर चोट कर रहे हैं।”
उन्होंने मुस्लिमों से एकजुट होने और सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की।
प्रेस कांफ्रेंस में यह भी कहा गया कि केंद्र सरकार के फैसले मुस्लिम समुदाय को अलग‑थलग करने और उनके धार्मिक अधिकारों को छीनने का प्रयास कर रहे हैं। धर्मेन्द्र यादव ने यह आरोप लगाया कि,
“सरकार धार्मिक भेदभाव को बढ़ावा दे रही है, जो देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा बन सकता है।”
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AIMPLB ने यह भी स्पष्ट किया कि वह अदालत के फैसले का सम्मान करती है, लेकिन जब तक सरकारी नीतियां और कानून मुस्लिम समुदाय के हित में नहीं होते, वे उनके खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे।
उन्होंने सरकार से यह भी कहा कि, “मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड हमेशा भारतीय संविधान के अंतर्गत काम करेगा, लेकिन समुदाय के अधिकारों की रक्षा करना उसकी प्राथमिकता है।”
धर्मेन्द्र यादव ने यह भी कहा कि,
“इस संघर्ष में हम अकेले नहीं हैं, हमारे साथ पूरे देश का मुस्लिम समाज खड़ा है। हम संविधान के तहत अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे।”
उन्होंने केंद्र सरकार से यह भी सवाल किया कि, “यदि सरकार मुस्लिमों के खिलाफ नहीं है, तो वह क्यों उन्हें शैक्षिक और सामाजिक अधिकारों से वंचित कर रही है?”
निष्कर्ष
AIMPLB की प्रेस कांफ्रेंस ने एक बार फिर से केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों और मुस्लिम समुदाय के बीच में संवाद की लकीर खींच दी है। इस संवाद में जहां एक ओर धर्मेन्द्र यादव और AIMPLB सरकार पर हमलावर हैं, वहीं दूसरी ओर भाजपा इसे राजनीतिक स्टंट मानते हुए अपने फैसलों का बचाव कर रही है। यह संघर्ष अब आगामी चुनावों में भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकता है।