अहमदाबाद में एक आवासीय इमारत में भीषण आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। आग की चपेट में आने से बचने के लिए एक महिला ने पांचवीं मंज़िल से छलांग लगा दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। दमकल विभाग ने तत्परता से आग पर काबू पाया लेकिन यह हादसा कई सुरक्षा सवालों को जन्म दे गया है।
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गुजरात के अहमदाबाद शहर से एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है, जहां एक आवासीय इमारत में लगी भीषण आग के दौरान एक महिला को जान बचाने के लिए पांचवीं मंज़िल से छलांग लगानी पड़ी। यह घटना रविवार सुबह के समय उस वक्त हुई जब इमारत के कुछ हिस्सों में आग लग गई और धुंआ तेजी से फैलने लगा।
स्थानीय लोगों और दमकल विभाग के मुताबिक, महिला घर में अकेली थी और जैसे-जैसे आग ने विकराल रूप लिया, वह फंसी हुई महसूस करने लगी। बचने का कोई रास्ता न देख उसने खिड़की से बाहर कूदने का फैसला किया। हालांकि, उसे गंभीर चोटें आई हैं और फिलहाल उसे सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां डॉक्टरों की टीम उसकी हालत पर नजर बनाए हुए है।
प्राथमिक जांच में शॉर्ट सर्किट को आग लगने का कारण बताया जा रहा है, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या इमारत में पर्याप्त फायर सेफ्टी के इंतज़ाम थे? स्थानीय निवासियों ने बताया कि फायर अलार्म और इमरजेंसी निकास की व्यवस्था सही नहीं थी। इसी वजह से कई लोग समय पर बाहर नहीं निकल सके और कुछ को दमकल कर्मियों ने बाहर निकाला।
फायर ब्रिगेड की टीम ने लगभग एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। अधिकारियों ने बताया कि अब इमारत की फायर सेफ्टी जांच की जाएगी और लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
घटना स्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि जैसे ही आग फैली, पूरे भवन में धुंआ फैल गया और लोग घबरा गए। एक चश्मदीद ने कहा, “हमने देखा कि एक महिला बालकनी में खड़ी है और मदद की गुहार लगा रही है। कुछ ही देर में उसने छलांग लगा दी। वो पल बहुत भयावह था।”
घटना के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया और इमारत से अन्य लोगों को सुरक्षित निकाला गया।
हादसे के बाद अहमदाबाद नगर निगम और गुजरात सरकार ने राहत कार्यों का जायजा लिया। प्रशासन ने पीड़िता के इलाज का पूरा खर्च उठाने की घोषणा की है। साथ ही इस घटना की डिटेल जांच के आदेश दिए गए हैं। अधिकारियों ने शहर की अन्य बहुमंज़िला इमारतों में भी फायर सेफ्टी ऑडिट करवाने का निर्णय लिया है।
यह हादसा एक बार फिर इस बात पर प्रश्नचिन्ह लगाता है कि देश के शहरी इलाकों में फायर सेफ्टी मानकों का पालन किस हद तक हो रहा है। जब तक प्रशासन, बिल्डर और नागरिक सभी मिलकर फायर सेफ्टी को गंभीरता से नहीं लेंगे, तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी।