Booking.com
  1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. ACTION- श्रीराम ग्रुप के IAS कोचिंग पर 3 लाख का लगा जुर्माना, UPSC RESULT- 2022 के बारे में किया था भ्रामक दावा संस्थान द्वारा दावा किए गए 200 से अधिक चयन में से केवल 171 ही सही पाए गए

ACTION- श्रीराम ग्रुप के IAS कोचिंग पर 3 लाख का लगा जुर्माना, UPSC RESULT- 2022 के बारे में किया था भ्रामक दावा संस्थान द्वारा दावा किए गए 200 से अधिक चयन में से केवल 171 ही सही पाए गए

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने श्रीराम ग्रुप के आईएएस (IAS) कोचिंग पर भ्रामक विज्ञापन के लिए 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह निर्णय उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए लिया गया। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसी भी वस्तु या सेवा का कोई गलत या भ्रामक विज्ञापन न किया जाए।

By HO BUREAU 

Updated Date

नई दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने श्रीराम ग्रुप के आईएएस (IAS) कोचिंग पर भ्रामक विज्ञापन के लिए 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह निर्णय उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए लिया गया। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसी भी वस्तु या सेवा का कोई गलत या भ्रामक विज्ञापन न किया जाए। CCPA की मुख्य आयुक्त श्रीमती निधि खरे और आयुक्त अनुपम मिश्रा ने यूपीएससी (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा 2022 के बारे में भ्रामक विज्ञापन के लिए श्रीराम ग्रुप के आईएएस (IAS) कोचिंग संस्थान के खिलाफ एक आदेश जारी किया है।

पढ़ें :- NHRC सख्तः दूषित खाद्य पदार्थ पर आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से मांगा जवाब, बच्चों की मौत और बीमार पड़ने पर लिया ACTION

मालूम हो कि कोचिंग संस्थान और ऑनलाइन एडटेक मंच संभावित उम्मीदवारों (उपभोक्ताओं) को प्रभावित करने के लिए एक ही सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रमों और इस तरह के पाठ्यक्रम की अवधि का खुलासा किए बिना उनकी तस्वीरों और नामों का उपयोग करते हैं। बताया जाता है कि श्रीराम ग्रुप के आईएएस कोचिंग संस्थान ने अपने विज्ञापन में निम्नलिखित दावे किए-

  1. यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 200 से अधिक चयन
  2. हम भारत के नंबर 1 प्रतिष्ठित यूपीएससी/आईएएस कोचिंग संस्थान हैं।

CCPA ने पाया कि श्रीराम ग्रुप के आईएएस कोचिंग संस्थान ने विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रमों का विज्ञापन दिया था, लेकिन उपर्युक्त यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा परिणामों में विज्ञापित सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम के संबंध में जानकारी जानबूझकर विज्ञापन में छिपाई गई थी। इसका प्रभाव यह हुआ कि उपभोक्ता गलत तरीके से यह मान लेते हैं कि संस्थान द्वारा दावा किए गए सभी सफल उम्मीदवारों ने संस्थान द्वारा अपनी वेबसाइट पर विज्ञापित सशुल्क पाठ्यक्रमों का विकल्प चुना था।

संस्थान द्वारा दावा किए गए 200 से अधिक चयन में से केवल 171 ही सही पाए गए

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा-2(28) (iv) जानबूझकर महत्वपूर्ण जानकारी छिपाने के लिए भ्रामक विज्ञापन के सम्बन्ध मे कार्रवाही को दर्शाती है। श्रीराम ग्रुप के आईएएस कोचिंग संस्थान ने अपने जवाब में यूपीएससी सीएसई 2022 में 200 से अधिक चयन के अपने दावे के खिलाफ केवल 171 सफल उम्मीदवारों का विवरण प्रस्तुत किया।

पढ़ें :- UPSE का ACTIONः चर्चित ट्रेनी IAS पूजा खेडकर का रूतबा खत्म, चली गई अफसरी,भविष्य की सभी परीक्षाओं से किया वंचित, फर्जी पाए गए अभिलेख  

इन 171 उम्मीदवारों में से 102 मुफ्त साक्षात्कार मार्ग दर्शन कार्यक्रम (आईजीपी) से थे, 55 मुफ्त परीक्षा श्रृंखला से थे, 9 सामान्य अध्ययन कक्षा पाठ्यक्रम से थे और 5 उम्मीदवार राज्य सरकार और संस्थान के बीच मुफ्त कोचिंग प्रदान करने के लिए हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के तहत विभिन्न राज्यों से थे। इस तथ्य का खुलासा उनके विज्ञापन में नहीं किया गया था, जिससे उपभोक्ताओं को धोखा दिया गया।

यह सर्वविदित तथ्य है कि सिविल सेवा परीक्षा के सफल उम्मीदवारों को परीक्षा के सभी 3 चरणों प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा और व्यक्तित्व परीक्षण (पीटी) को पास करना होता है। प्रारंभिक परीक्षा एक स्क्रीनिंग परीक्षा है। मुख्य परीक्षा और व्यक्तित्व परीक्षण दोनों में प्राप्त अंकों को अंतिम रूप से चयनित होने के लिए गिना जाता है।

मुख्य परीक्षा और पीटी के लिए कुल अंक क्रमशः 1750 और 275 हैं। इस प्रकार व्यक्तित्व परीक्षण का योगदान कुल अंकों में 13.5 प्रतिशत है। अधिकांश उम्मीदवारों ने पहले ही प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा स्वयं ही पास कर ली थी, जिसमें श्रीराम ग्रुप के आईएएस कोचिंग संस्थान का कोई योगदान नहीं था।

श्रीराम ग्रुप के आईएएस कोचिंग संस्थान द्वारा इस महत्वपूर्ण तथ्य को बताया नहीं गया कि संस्थान ने केवल ऐसे सफल उम्मीदवारों को मार्गदर्शन दिया है जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा पहले ही पास कर ली है। इस तरह के झूठे और भ्रामक विज्ञापन द्वारा यूपीएससी परीक्षा के इच्छुक उम्मीदवारों पर गलत प्रभाव पड़ता है। इस प्रकार विज्ञापन ने उपभोक्ता के सूचित किए जाने के अधिकार का उल्लंघन किया है ताकि अनुचित व्यापार व्यवहार से खुद को बचा सके।

पढ़ें :- कार्रवाईः महुआ की संसद सदस्यता खत्म, आचार समिति की सिफारिश मंजूर, पैसा लेकर प्रश्न पूछने का मामला
इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook, YouTube और Twitter पर फॉलो करे...
Booking.com
Booking.com