उत्तराखंड में निकाय चुनाव आते ही ईडी और इनकम टैक्स की कार्रवाई तेज हो गई है। सरकारी जांच एजेंसियों की इस कार्यवाही में कांग्रेसी नेता फंस रहे हैं। पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबी रियल स्टेट कारोबारी राजीव जैन के घर पर इनकम टैक्स की रेड पड़ी और अब पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की पत्नी और करीबियों से ईडी के सवालों का जवाब देना पड़ रहा है।
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देहरादून। उत्तराखंड में निकाय चुनाव आते ही ईडी और इनकम टैक्स की कार्रवाई तेज हो गई है। सरकारी जांच एजेंसियों की इस कार्यवाही में कांग्रेसी नेता फंस रहे हैं। पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबी रियल स्टेट कारोबारी राजीव जैन के घर पर इनकम टैक्स की रेड पड़ी और अब पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की पत्नी और करीबियों से ईडी के सवालों का जवाब देना पड़ रहा है।
निकाय चुनाव के दौरान हो रही इस कार्यवाही पर राज्य के भीतर सियासत तेज है मगर कांग्रेस की चुप्पी सवाल खड़ा रही है कि क्या इस कार्रवाई से कांग्रेस ने अपने नेताओं से किनारा कर लिया है । उत्तराखंड में चुनाव और ईडी एक साथ दस्तक देते हुए नजर आ रहे हैं। ईडी की दस्तक कांग्रेस के लिए भारी पड़ती हुई नजर आ रही है। पूर्व कैबिनेट मंत्री कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ हरक सिंह रावत को लेकर ईडी सख्त हो चुकी है। जिसमें ईडी का शिकंजा अब पूर्व कैबिनेट मंत्री के साथ-साथ उनके परिजनों और उनके करीबियों पर भी कसने लगा है।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरु रेंज में सफारी के नाम पर हजारों पेड़ के अवैध कटान और निर्माण के प्रकरण में ईडी यह कार्रवाई कर रही है। इस मामले में अब तक पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत से पूछताछ चल रही थी और अब उनकी पत्नी दीप्ति रावत पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं और करीबी लक्ष्मी राणा से भी पूछताछ हो रही है । साथ ही बेटे को भी पूछताछ के लिए नोटिस भेजा जा चुका है। वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री के ऊपर ईडी के कसते शिंकजे पर सियासत भी तेज हो रही है।
कांग्रेस का आरोप है कि जब-जब चुनाव आते हैं सत्ताधारी दल की तरफ से विपक्ष के नेताओं को ईडी और सीबीआई के नाम पर डारने का काम किया जाता है। लेकिन राजनीति के जानकार मान रहे हैं कि ईडी की इस कार्रवाई के बाद हरक सिंह रावत अकेले नजर आ रहे हैं उनके साथ कोई कांग्रेसी खड़ा नहीं है। पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पर लोकसभा चुनाव के दौरान भी ईडी और सीबीआई की छापेमारी हुई थी जो वह वक्त भी चर्चा का विषय बनी थी और अब फिर चर्चा का विषय बन गई है।
वहीं भाजपा तर्क दे रही है कि कांग्रेस के नेता भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं इसलिए उनके भ्रष्टाचार की जांच चल रही है। और अगर कर नहीं तो फिर डर नहीं । कभी सियासत के चमकते सूरज को हरक सिंह रावत के करीबियों ने शेरे गढ़वाल का नाम दिया मगर मगर अब यह तो साफ हो चुका है कि हरक को इस लड़ाई अकेले ही लड़ना पड़ेगा, क्योंकि कांग्रेस लगभग उनसे किनारा कर चुकी है।