जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि ऐसे समय में पार्टी सरकार के साथ खड़ी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंकवाद जैसे मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए और पूरा देश एकजुट होकर इसका सामना करे। रावत का यह बयान विपक्ष की एक जिम्मेदार भूमिका को दर्शाता है।
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद देश भर में शोक और आक्रोश का माहौल है। इस संदर्भ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक संवेदनशील और राष्ट्रहित में बयान देते हुए कहा, “कांग्रेस हर उस कदम में सरकार के साथ खड़ी है जो देश की सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ उठाया जा रहा है।”
रावत ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद किसी एक पार्टी या राज्य का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह पूरे देश की संप्रभुता और अखंडता पर हमला है। उन्होंने कहा कि आज का समय राजनीति करने का नहीं है, बल्कि सरकार को पूरी ताकत से समर्थन देने का है ताकि हमलावरों को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी, अपने इतिहास, नीति और विचारधारा के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर हमेशा सरकार के साथ रही है और आगे भी रहेगी। उन्होंने केंद्र से अपील की कि वह इस हमले के पीछे की साजिशों को बेनकाब करे और दोषियों को जल्द से जल्द सज़ा दिलाए।
हरीश रावत ने कहा कि इस तरह की घटनाओं में केवल सरकार ही नहीं, बल्कि हर राजनीतिक दल की जवाबदेही बनती है। उन्होंने देशवासियों से भी अपील की कि अफवाहों पर ध्यान न दें और सुरक्षा एजेंसियों का सहयोग करें।
रावत ने कहा, “हमारी एकजुटता ही आतंकवादियों को कमजोर करेगी। यह वक्त विभाजन और आरोप-प्रत्यारोप का नहीं है, बल्कि सरकार को नैतिक और राजनीतिक समर्थन देने का है।” उन्होंने सभी विपक्षी दलों से भी अनुरोध किया कि वे आलोचना के बजाय सहयोग की भूमिका में सामने आएं।
कांग्रेस नेता ने अपने बयान में यह भी जोड़ा कि पार्टी हमेशा से आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ रही है। चाहे वह पंजाब का दौर रहा हो या कश्मीर की स्थिति, कांग्रेस ने हमेशा राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को भी सुझाव दिया कि आतंकियों के खिलाफ चल रहे अभियानों को और तेज किया जाए और कूटनीतिक स्तर पर भी कड़े कदम उठाए जाएं।
रावत ने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर मीडिया को भी संयम बरतना चाहिए और ऐसी खबरों से बचना चाहिए जो समाज में भय या भ्रम फैलाएं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों का मनोबल गिराने वाली किसी भी गतिविधि से बचना चाहिए।
उनका यह बयान न केवल कांग्रेस की राष्ट्रहित में भूमिका को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि लोकतंत्र में राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर एक साथ खड़ा होना कितना जरूरी होता है।