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“हमने फॉलोऑन नहीं लिया, लेकिन मैच जीतेंगे” – DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई का पाकिस्तान को क्रिकेट अंदाज़ में करारा जवाब

भारत के DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए भारत की रणनीति को क्रिकेट की भाषा में समझाया। उन्होंने कहा कि भारत ने फॉलोऑन नहीं लिया है, लेकिन यह मैच भारत ही जीतेगा। उनका यह बयान सीमा पार से हो रही उकसावे की कार्रवाईयों पर भारत के सख्त रुख को दर्शाता है।

By bishanpreet345@gmail.com 

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भारत के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई का हालिया बयान पाकिस्तान को लेकर चर्चा का विषय बन गया है। अपने विशिष्ट और प्रभावशाली अंदाज़ में उन्होंने क्रिकेट की भाषा में भारत की सैन्य रणनीति को समझाते हुए कहा, “हमने अभी फॉलोऑन नहीं लिया है, लेकिन इस मैच को हम जरूर जीतेंगे।” यह बयान केवल एक रूपक नहीं था, बल्कि यह भारत के धैर्य, तैयारी और निर्णायक कार्रवाई की ओर इशारा करता है।

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लेफ्टिनेंट जनरल घई ने स्पष्ट किया कि भारत बिना उकसावे के युद्ध नहीं चाहता, लेकिन जब देश की सुरक्षा और संप्रभुता की बात आती है, तब जवाब देने में देरी नहीं की जाएगी। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान की ओर से नियंत्रण रेखा (LoC) पर लगातार संघर्षविराम उल्लंघन और आतंकियों की घुसपैठ की कोशिशें हो रही हैं।

 

क्रिकेट जैसी भावनात्मक और लोकप्रिय खेल उपमा का उपयोग करके DGMO ने एक मजबूत संदेश दिया कि भारत की सैन्य रणनीति सतर्क, धैर्यवान और परिणामोन्मुख है। “फॉलोऑन” न लेने का मतलब यही है कि भारत पहले पूरी तैयारी और रणनीति के साथ मैदान में उतरना चाहता है, और जब हमला करेगा, तो निर्णायक जीत के लिए करेगा।

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उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को बार-बार चेतावनी दी गई है कि वह आतंकवाद को समर्थन देना बंद करे। इसके बावजूद अगर उकसावे की कार्रवाई जारी रही, तो भारतीय सेना के पास जवाब देने के लिए पर्याप्त शक्ति और इच्छाशक्ति दोनों हैं।

 

सेना प्रमुख ने यह भी बताया कि सीमाओं पर निगरानी और इंटेलिजेंस नेटवर्क को और मजबूत किया गया है। सीमा पार से आने वाले हर मूवमेंट पर सख्त नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना न सिर्फ़ रक्षात्मक है, बल्कि जरूरत पड़ने पर आक्रामक रवैया भी अपना सकती है।

 

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DGMO के इस बयान के बाद सोशल मीडिया और राष्ट्रीय बहसों में इस बयान की सराहना की जा रही है। कई यूज़र्स और रक्षा विशेषज्ञों ने इसे “मास्टरस्ट्रोक कम्युनिकेशन” बताया है, क्योंकि यह बयान न सिर्फ सेना की नीति को सरल भाषा में जनता तक पहुँचाता है, बल्कि एक मनोवैज्ञानिक बढ़त भी देता है।

 

राजनीतिक हलकों में भी इस बयान की गूंज सुनाई दी। रक्षा मंत्री और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने DGMO की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि भारत की रणनीति हर मोर्चे पर स्पष्ट और मजबूत है। साथ ही यह भी दोहराया गया कि भारत शांति चाहता है, लेकिन अपनी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा।

 

जनरल घई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में कहा, “हम मैदान में डटे हुए हैं, रणनीति तैयार है, और जब समय आएगा, तो आखिरी गेंद तक खेलेंगे — और जीत हमारी होगी।” इस प्रकार उन्होंने ना केवल अपने शब्दों से आत्मविश्वास दिखाया, बल्कि पूरी सेना और देश को एकजुट संदेश दिया।

 

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इस बयान के बाद पाकिस्तान की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह संदेश सीमा पार तक जरूर गया होगा। यह बयान भारत की बदलती सैन्य नीति की झलक है, जहाँ अब केवल प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि स्पष्ट रणनीति और आक्रामकता का भी संकेत है।

 

इस पूरे घटनाक्रम ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय सेना किसी भी चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार है — चाहे वह पारंपरिक युद्ध हो, या सीमित संघर्ष। DGMO राजीव घई का यह क्रिकेटीय बयान लंबे समय तक याद रखा जाएगा, क्योंकि इसमें राष्ट्र की सुरक्षा, धैर्य, और आत्मबल तीनों की झलक मिलती है।

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