भारत ने बीते वर्षों में कई सर्जिकल और एयर स्ट्राइक्स के ज़रिए आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की है। इन अभियानों की सटीकता और सफलता के प्रमाण अब सार्वजनिक दस्तावेजों, सैटेलाइट इमेज और खुफिया रिपोर्ट्स के माध्यम से सामने आ रहे हैं। इससे भारत की सैन्य क्षमता और रणनीतिक सटीकता की पुष्टि होती है, जिसने आतंकियों को उनकी ही जमीन पर सबक सिखाया।
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भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक रुख अपनाते हुए बीते कुछ वर्षों में सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसे महत्वपूर्ण अभियान चलाए हैं, जो न केवल सफल रहे बल्कि दुश्मन देशों को भी भारत की सैन्य रणनीति और तकनीकी दक्षता का एहसास करवा गए। अब इन अभियानों की सटीकता और प्रभावशीलता के प्रमाण सार्वजनिक रूप से सामने आ रहे हैं, जो यह सिद्ध करते हैं कि भारत अब केवल बचाव की नीति नहीं, बल्कि आक्रामक जवाब देने की नीति पर काम कर रहा है।
2016 में उरी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकियों के लॉन्च पैड्स पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इस ऑपरेशन की विशेषता यह रही कि यह रात के अंधेरे में, दुश्मन की जानकारी से पहले पूरा कर लिया गया। इस कार्रवाई में दर्जनों आतंकवादी मारे गए, जबकि भारत की ओर से कोई सैनिक हताहत नहीं हुआ। सैटेलाइट इमेज, थर्मल विज़न रिकॉर्डिंग और इंटरसेप्ट की गई रेडियो चैटर इस कार्रवाई की सटीकता के ठोस सबूत हैं।
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में 40 से अधिक जवान शहीद हो गए। इसके जवाब में भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंप पर एयर स्ट्राइक की। इस ऑपरेशन में मिराज-2000 विमानों ने SPICE 2000 स्मार्ट बम का प्रयोग करते हुए लक्ष्य को पूरी तरह तबाह किया। स्ट्राइक के बाद उपलब्ध कराए गए हाई-रेजोल्यूशन सैटेलाइट चित्र, रेडियो संचार इंटरसेप्ट्स और खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट्स ने इस हमले की प्रभावशीलता को सिद्ध किया।
भारत के इन सैन्य अभियानों की सटीकता और त्वरित जवाबी कार्रवाई ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी यह संदेश दे दिया कि भारत अब आतंकवाद पर नरम रुख नहीं अपनाएगा। अमेरिका, फ्रांस, इजराइल जैसे देशों ने इन अभियानों का समर्थन करते हुए भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को वैध ठहराया। इससे भारत की कूटनीतिक स्थिति भी मजबूत हुई और आतंकवाद को पनाह देने वाले देशों पर दबाव बढ़ा।
भारत की ये कार्रवाइयाँ तकनीकी क्षमताओं, इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस (ELINT) और ग्राउंड-लेवल इनपुट्स का बेहतरीन तालमेल हैं। भारतीय सेना और वायुसेना ने सटीकता के लिए ड्रोन सर्विलांस, GPS गाइडेड हथियार, और रियल टाइम कमांड मॉनिटरिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया, जिससे आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाने में कोई चूक नहीं हुई।
इन सभी अभियानों के पीछे भारत की राजनीतिक इच्छाशक्ति और सैन्य संकल्प का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण समेत समूची सरकार ने सेनाओं को पूरी स्वतंत्रता दी, जिससे ऑपरेशन में देरी या बाधा नहीं आई। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत अब एक रणनीतिक दृष्टिकोण से कार्य कर रहा है।