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सर्जिकल स्ट्राइक से ऑपरेशन सिंदूर तक: भारत की सुरक्षा नीति का नया अध्याय

सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर हालिया ऑपरेशन सिंदूर तक, भारत की सुरक्षा रणनीति में बड़ा बदलाव देखा गया है। यह बदलाव न केवल आतंकवाद के खिलाफ एक ठोस संदेश है, बल्कि भारत की बदलती वैश्विक छवि को भी दर्शाता है। अमेरिका में Firstpost द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की नीतियों को नए नजरिए से उजागर किया है।

By bishanpreet345@gmail.com 

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भारत की रक्षा रणनीति ने पिछले कुछ वर्षों में एक नया रूप धारण किया है, जो अब केवल प्रतिक्रिया देने तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि अब यह पहल करने और दुश्मन को उसके घर में जवाब देने की नीति बन चुकी है। 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक इसका पहला बड़ा उदाहरण बनी, जब भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पार कर आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। इसके बाद से भारत ने अपनी रक्षा नीति में स्पष्ट रूप से आक्रामक रुख अपनाया है।

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हाल ही में सामने आए ऑपरेशन सिंदूर ने इस सोच को और अधिक सुदृढ़ किया है। यह ऑपरेशन आतंकवादियों और उनके नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए अंजाम दिया गया एक व्यापक अभियान है, जिसमें भारतीय सुरक्षा बलों ने तकनीकी खुफिया जानकारी, स्थानीय सहयोग और रणनीतिक समन्वय का बेहतरीन उपयोग किया। अमेरिका की प्रतिष्ठित मीडिया संस्था Firstpost America की रिपोर्ट में इस ऑपरेशन की तुलना सर्जिकल स्ट्राइक से की गई है, लेकिन इसे और अधिक व्यापक और रणनीतिक बताया गया है।

Firstpost ने भारत की नई सैन्य नीति को “डिटरेंस थ्रू डोमिनेंस” कहा है, यानी भारत अब केवल जवाबी कार्रवाई नहीं करता, बल्कि पहले से ही रणनीतिक दबाव बनाकर आतंकवाद को रोकने की दिशा में काम करता है। ऑपरेशन सिंदूर इसका सटीक उदाहरण है, जिसमें सीमा पार बैठे योजनाकारों तक सीधी चेतावनी भेजी गई।

इस नीति के पीछे भारत की बदलती कूटनीति और रक्षा नेतृत्व की बड़ी भूमिका है। अब भारत केवल दक्षिण एशिया तक सीमित नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर अपनी सैन्य और कूटनीतिक ताकत दिखाने को तैयार है। अमेरिका, फ्रांस और इज़रायल जैसे देशों के साथ मिलकर भारत ने रक्षा सौदों और साझा अभियानों को भी बढ़ावा दिया है।

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के पीछे तकनीकी उन्नति, सटीक खुफिया जानकारी, और ग्राउंड लेवल पर त्वरित निर्णय लेने की क्षमता रही है। इसके साथ ही स्थानीय नागरिकों का समर्थन भी अहम रहा, जिन्होंने सुरक्षा बलों को समय पर जानकारी देकर अभियान को सफल बनाने में मदद की।

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हालांकि, इस आक्रामक रणनीति के आलोचक भी हैं जो इसे सीमा पर तनाव को बढ़ाने वाला कदम मानते हैं। लेकिन सुरक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि सीमाओं की रक्षा और आंतरिक शांति सुनिश्चित करने के लिए ऐसी नीतियां समय की मांग हैं।

भारत की यह रणनीति दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गई है। Firstpost America की रिपोर्ट बताती है कि किस तरह भारत की छवि अब एक प्रतिक्रियाशील राष्ट्र की नहीं, बल्कि सक्रिय और आत्मनिर्भर शक्ति की बन चुकी है। यह परिवर्तन न केवल सुरक्षा के क्षेत्र में है, बल्कि कूटनीति, अर्थव्यवस्था और तकनीक के क्षेत्रों में भी देखा जा रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर और सर्जिकल स्ट्राइक सिर्फ सैन्य कार्रवाइयां नहीं थीं, ये भारत की राष्ट्रीय संप्रभुता और आत्मविश्वास के प्रतीक बन चुके हैं। भविष्य में, ऐसी रणनीतियाँ भारत को एक सुरक्षित, सक्षम और निर्णायक राष्ट्र के रूप में स्थापित करेंगी।

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