भारत सरकार ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि पाकिस्तान की ओर से बीते कुछ महीनों में करीब 400 ड्रोन भारतीय सीमा में भेजे गए। इन ड्रोन का इस्तेमाल आतंकवाद, हथियारों की सप्लाई और तस्करी के लिए किया गया। सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो चुकी हैं और सीमा पर निगरानी और जवाबी कार्रवाई को तेज कर दिया गया है।
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भारत सरकार ने एक चौंकाने वाला और गंभीर खुलासा करते हुए जानकारी दी है कि पाकिस्तान ने पिछले कुछ महीनों में भारत की सीमा में करीब 400 ड्रोन भेजे हैं। इन ड्रोन का उद्देश्य केवल जासूसी तक सीमित नहीं था, बल्कि इन्हें हथियारों की तस्करी, नशीली दवाओं की सप्लाई और आतंकियों को मदद पहुंचाने के लिए भेजा गया था। यह खुलासा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज़ से बेहद चिंता का विषय बन गया है।
गृह मंत्रालय के मुताबिक, इन ड्रोन की गतिविधि खासतौर पर पंजाब, जम्मू-कश्मीर और राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में सबसे ज्यादा देखी गई है। इनमें से कई ड्रोन को सुरक्षा बलों ने हवा में ही मार गिराया, जबकि कुछ ड्रोन भारत में घुसपैठ करने में सफल हो गए। इनसे बरामद हथियार, गोला-बारूद, ड्रग्स और फर्जी दस्तावेज़ भी बरामद किए गए हैं।
सरकार ने इस खतरे को गंभीरता से लेते हुए सीमा पर ड्रोन-विरोधी तकनीक (Anti-Drone Systems) की तैनाती को तेज कर दिया है। BSF, CRPF, और सेना को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि इन तकनीकों के ज़रिए समय पर ड्रोन को पहचान कर उन्हें निष्क्रिय किया जा सके।
गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस मुद्दे को लेकर उच्चस्तरीय बैठक की और स्पष्ट निर्देश दिए कि पाकिस्तान की हर एक साज़िश का करारा जवाब दिया जाए। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और कोई भी शत्रु ताकत भारत की संप्रभुता को चुनौती नहीं दे सकती।
सरकार के मुताबिक, यह ड्रोन हमले सिर्फ तकनीकी खतरा नहीं बल्कि सीधा आतंकी खतरा हैं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI इन हमलों के पीछे बताई जा रही है। भारत में आतंकवाद को पुनः सक्रिय करने की साज़िश इन ड्रोन के ज़रिए की जा रही है। हाल ही में कई मामलों में ड्रोन से भेजे गए RDX, एके-47 राइफलें, और ड्रग्स पकड़ी गई हैं।
भारत ने इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की तैयारी शुरू कर दी है। संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में यह मसला पेश किया जा सकता है, जिससे पाकिस्तान की साज़िशों को वैश्विक स्तर पर उजागर किया जा सके।
इसके साथ ही, भारतीय सुरक्षा एजेंसियां पाकिस्तान के संभावित लॉन्चिंग प्वाइंट्स की पहचान कर चुकी हैं। भविष्य में अगर ऐसे किसी स्थान से ड्रोन आता है तो “हॉट परसूट” कार्रवाई का विकल्प भी खुला रखा गया है।
पाकिस्तान की ओर से भारत में 400 ड्रोन भेजना सिर्फ एक सैन्य नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता पर हमला है। भारत ने समय रहते इन साज़िशों को पहचाना और प्रभावशाली जवाब देना शुरू कर दिया है। अब वक्त आ गया है कि ड्रोन तकनीक के खिलाफ कठोर रणनीति, अंतरराष्ट्रीय समर्थन और देश के भीतर एकजुटता के साथ इस चुनौती का मुंहतोड़ जवाब दिया जाए।