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“शगुन परिहार का मेहबूबा मुफ्ती पर तीखा हमला: सिंधु जल संधि पर दिए बयान को बताया राष्ट्रविरोधी” 📝 Summary (सारांश):

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ्ती एक बार फिर अपने बयान को लेकर विवादों में हैं। सिंधु जल संधि को लेकर उनके हालिया बयान पर अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता शगुन परिहार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। परिहार ने इसे न केवल भ्रामक बल्कि देश के हितों के खिलाफ भी बताया। इस मुद्दे पर राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी बहस छिड़ गई है।

By bishanpreet345@gmail.com 

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हाल ही में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष मेहबूबा मुफ्ती ने सिंधु जल संधि को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत को पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि में छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है। इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

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सबसे तीखी प्रतिक्रिया आई अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता शगुन परिहार की ओर से, जिन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से मेहबूबा मुफ्ती को करारा जवाब दिया। शगुन ने कहा कि “जब देश की सुरक्षा और रणनीतिक हितों की बात हो, तब कोई भी समझौता, भले वह अंतरराष्ट्रीय हो या द्विपक्षीय, राष्ट्रीय नीति के अनुरूप ही होना चाहिए। मेहबूबा मुफ्ती का बयान कहीं से भी राष्ट्रहित में नहीं है।”

उन्होंने आगे कहा कि “सिंधु जल संधि 1960 में हुई थी, और तब से भारत ने इस संधि का सम्मान किया है। जबकि पाकिस्तान की ओर से बार-बार आतंकवाद और उकसावे की राजनीति की जाती रही है। ऐसे में जब केंद्र सरकार इस संधि की समीक्षा कर रही है, तो यह देश की सुरक्षा के दृष्टिकोण से एक उचित कदम है।”

शगुन परिहार ने यह भी कहा कि नेताओं को ऐसे समय में संयम और राष्ट्रभक्ति का परिचय देना चाहिए, कि ऐसे बयान देना चाहिए जिससे हमारे विरोधी देश को फायदा हो। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को अब पानी जैसे रणनीतिक संसाधनों पर अपना नियंत्रण मजबूत करना होगा, खासकर ऐसे समय में जब पाकिस्तान पानी को भी एक कूटनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है।

कई राजनीतिक विश्लेषकों ने भी मेहबूबा मुफ्ती के बयान की आलोचना की है। उनका मानना है कि यह बयान केवल गैरजिम्मेदाराना है, बल्कि यह उन लोगों के जज़्बात को ठेस पहुंचाता है जो देश के लिए दिन-रात सीमाओं पर डटे हुए हैं।

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यह पहली बार नहीं है जब मेहबूबा मुफ्ती अपने बयानों के कारण विवादों में घिरी हैं। इससे पहले भी उन्होंने अनुच्छेद 370 की बहाली और जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग करते हुए कई बार केंद्र सरकार की आलोचना की है। लेकिन इस बार सिंधु जल संधि जैसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मसले पर उनकी राय ने उनकी राजनीतिक सोच पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

राजनीतिक जानकारों का यह भी मानना है कि मेहबूबा मुफ्ती का यह बयान आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए एक विशेष वोटबैंक को लुभाने का प्रयास भी हो सकता है। परंतु इस प्रक्रिया में वे राष्ट्रीय हितों को दरकिनार करती नज़र रही हैं।

सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा तेजी से ट्रेंड कर रहा है। कई यूज़र्स ने शगुन परिहार की तारीफ की है कि उन्होंने बिना किसी राजनीतिक दबाव के राष्ट्रहित में अपनी आवाज बुलंद की। वहीं दूसरी ओर मेहबूबा मुफ्ती के बयान को देशद्रोही तक बताया जा रहा है।

आज जब भारत जल संकट से जूझ रहा है और हर बूंद कीमती हो गई है, तब सिंधु जल संधि की समीक्षा एक ज़रूरी कदम है। यह कदम पाकिस्तान को स्पष्ट संकेत देता है कि भारत अब केवल शांति की उम्मीद में अपने हितों की बलि नहीं देगा।

शगुन परिहार जैसी जानी-मानी हस्तियों का इस मुद्दे पर मुखर होना दिखाता है कि अब राष्ट्रहित के मुद्दों पर सिर्फ राजनेता ही नहीं, बल्कि समाज का हर वर्ग अपनी भूमिका निभाने को तैयार है।

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