शहीद विनय नरवाल के अस्थि विसर्जन के दौरान उनके परिजनों और स्थानीय लोगों की आंखें नम थीं। देशभक्ति के भाव से भरे इस क्षण में लोगों ने 'भारत माता की जय' के नारों के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी। अस्थि विसर्जन समारोह हरियाणा के यमुना नदी तट पर पूरे सम्मान और श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ।
Updated Date
देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीद विनय नरवाल को उनके परिजनों ने अश्रुपूरित विदाई दी। हरियाणा के यमुना तट पर उनकी अस्थियों का विसर्जन पूरे सैन्य सम्मान और धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार किया गया। इस मौके पर उनके परिवारजन, मित्र, सेना के अधिकारी और सैकड़ों स्थानीय लोग मौजूद थे। हर एक व्यक्ति की आंखें नम थीं, लेकिन दिल गर्व से भरा हुआ था।
समारोह की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार और गंगा जल से अभिषेक के साथ हुई। परिजनों ने बताया कि विनय देश के लिए जीते थे और अब उनकी अस्थियां भी उसी धरती को समर्पित की गईं जिसे उन्होंने प्राणों से भी अधिक प्रेम किया। इस दौरान स्थानीय लोगों ने ‘शहीद अमर रहें’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों से वातावरण को गुंजायमान कर दिया।
अस्थि विसर्जन के दौरान शहीद को अंतिम विदाई देने पहुंचे सेना के अधिकारियों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए और कहा कि विनय जैसे वीर जवानों की वजह से ही आज देश सुरक्षित है। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि सेना उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगी और उनके परिवार की हर संभव सहायता करेगी।
परिजनों ने भावुक होकर कहा कि उन्हें गर्व है कि उनके बेटे ने देश के लिए बलिदान दिया, लेकिन यह दर्द ऐसा है जिसे शब्दों में बयां करना असंभव है। उन्होंने सरकार से अपील की कि शहीदों के सम्मान और उनके परिवारों के लिए ठोस नीति बनाई जाए ताकि वे खुद को अकेला न महसूस करें।
गांव और आसपास के क्षेत्रों से भारी संख्या में लोग इस मौके पर पहुंचे थे, जो एकता और देशभक्ति का प्रतीक था। युवाओं ने तिरंगा लेकर मार्च निकाला और इस आयोजन को जनश्रद्धांजलि समारोह का रूप दिया। इस पूरे कार्यक्रम को देखकर यह साफ था कि देशवासी अब शहीदों को केवल टीवी पर नहीं देखते, बल्कि उनके बलिदान को अपने जीवन का हिस्सा मानते हैं।
इस घटना को लेकर कई राजनीतिक नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर शोक और श्रद्धांजलि व्यक्त की। उन्होंने कहा कि शहीद विनय नरवाल जैसे योद्धा इस देश की रीढ़ हैं, और हमें उनके बलिदान को भूलना नहीं चाहिए।