भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपने दो दिवसीय उत्तर प्रदेश दौरे पर लखनऊ पहुंचे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एयरपोर्ट पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान उपराष्ट्रपति विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों और सांस्कृतिक आयोजनों में भाग लेंगे। उनका यह दौरा राज्य में विकास और शिक्षा को लेकर अहम माना जा रहा है।
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देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं एयरपोर्ट पर जाकर उनका भव्य स्वागत किया। पारंपरिक तरीके से शॉल और पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका सम्मान किया गया। उपराष्ट्रपति का यह दौरा न केवल शिष्टाचारिक मुलाकातों तक सीमित है, बल्कि इसका उद्देश्य शिक्षा, न्यायिक व्यवस्था और राज्य के विकास मॉडल पर संवाद स्थापित करना भी है।
अपने प्रवास के दौरान उपराष्ट्रपति लखनऊ विश्वविद्यालय सहित कई शैक्षणिक संस्थानों का दौरा करेंगे, जहां वे छात्रों और शिक्षकों से संवाद करेंगे। यह बातचीत नई शिक्षा नीति, युवाओं की भागीदारी और राष्ट्र निर्माण में छात्र शक्ति की भूमिका पर केंद्रित होगी। उपराष्ट्रपति का मानना है कि भारत को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में शिक्षा की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है।
जगदीप धनखड़ अपने भाषणों में अक्सर संवैधानिक मूल्यों और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को लेकर मुखर रहे हैं। लखनऊ प्रवास के दौरान वे न्यायिक अधिकारियों और अधिवक्ताओं के साथ एक संगोष्ठी में हिस्सा लेंगे, जिसमें लोकतंत्र की मजबूती और न्याय व्यवस्था की पारदर्शिता पर चर्चा होगी। उपराष्ट्रपति ने इससे पहले भी कई मंचों से स्पष्ट किया है कि संविधान सर्वोपरि है और उसकी रक्षा करना सभी का दायित्व है।
लखनऊ में उपराष्ट्रपति का एक और उद्देश्य राज्य की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत को सम्मान देना भी है। वह एक संस्कृतिक कार्यक्रम में भी शिरकत करेंगे जिसमें उत्तर प्रदेश की लोक कलाओं और संगीत को प्रदर्शित किया जाएगा। यह भारत की विविधता और एकता का प्रतीक है, जिसे उपराष्ट्रपति लगातार मंचों से बढ़ावा देते आ रहे हैं।
इस दौरे से यह भी स्पष्ट होता है कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच सहयोग और समन्वय को लेकर सकारात्मक वातावरण है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बीच हुई बातचीत में कई विकास योजनाओं और नीतिगत मामलों पर चर्चा की गई। दोनों ही नेताओं का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है।
उपराष्ट्रपति का यह दौरा केवल आधिकारिक नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य जनता से सीधा संवाद भी है। वह युवाओं, शिक्षकों, अधिवक्ताओं और आम नागरिकों के साथ बातचीत के जरिए समाज के विभिन्न वर्गों की राय जानने का प्रयास कर रहे हैं। इससे न केवल लोकतांत्रिक प्रक्रिया मजबूत होती है, बल्कि सरकार और जनता के बीच विश्वास भी बढ़ता है।