कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने बिहार दौरे के दौरान छात्रों से संवाद किया, लेकिन भाषण के बीच अचानक नारों की गूंज ने माहौल को गर्मा दिया। यह दृश्य छात्रों के उत्साह और कुछ नाराज़गी का मिला-जुला संकेत था। राहुल ने युवाओं को रोजगार, शिक्षा और संविधान के मुद्दों पर जागरूक किया। यह दौरा आगामी चुनावों से पहले कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बिहार दौरा एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार कारण बना उनका छात्रों के बीच दिया गया भाषण, जिसमें अचानक कुछ नारेबाज़ी शुरू हो गई। यह घटना उस समय हुई जब राहुल गांधी छात्रों से सीधा संवाद कर रहे थे और देश की शिक्षा व्यवस्था, रोजगार संकट और युवाओं के भविष्य पर बात कर रहे थे।
राहुल गांधी पटना के एक प्रमुख शैक्षणिक संस्थान में पहुंचे थे, जहां उन्होंने छात्रों के सवालों के जवाब दिए और उन्हें देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति सजग रहने का आह्वान किया। वे जैसे ही संविधान और युवाओं के अधिकारों पर बोलना शुरू कर रहे थे, तभी सभा में कुछ छात्र “रोज़गार दो” और “संविधान बचाओ” जैसे नारे लगाने लगे। यह स्थिति कुछ देर के लिए असहज जरूर हुई, लेकिन राहुल ने शांति बनाए रखी और कहा, “आपकी आवाज़ सुनना मेरा फर्ज़ है।”
इस मौके पर राहुल ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा और रोजगार के मुद्दे सिर्फ नारेबाज़ी से नहीं, बल्कि ठोस नीति और भागीदारी से हल होंगे। उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों पर भी तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार युवाओं की समस्याओं को अनदेखा कर रही है।
राहुल ने यह भी कहा कि छात्र देश का भविष्य हैं और उन्हें डराने-धमकाने की राजनीति के खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए। उन्होंने यह दावा किया कि कांग्रेस पार्टी युवाओं की ताकत को पहचानती है और उन्हें नेतृत्व के अवसर देना चाहती है।
नारेबाज़ी करने वाले छात्रों में से कुछ का कहना था कि वे राहुल गांधी से यह उम्मीद कर रहे थे कि वे बेरोजगारी जैसे ज्वलंत मुद्दों पर कोई ठोस समाधान बताएंगे। वहीं, कई छात्र ऐसे भी थे जो राहुल की बातों से प्रेरित नजर आए और उन्होंने उनकी बातें ध्यान से सुनीं।
राहुल गांधी का यह दौरा सिर्फ एक शैक्षणिक सभा तक सीमित नहीं था। उन्होंने पटना की सड़कों पर पैदल मार्च किया, स्थानीय लोगों से मुलाकात की और युवाओं के लिए रोजगार मेले की मांग को दोहराया। उन्होंने बिहार की धरती को क्रांतिकारियों की धरती बताते हुए युवाओं से अपील की कि वे संविधान की रक्षा करें और सच्चाई के रास्ते पर डटे रहें।
बिहार के इस दौरे को कांग्रेस की आगामी चुनाव रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है। खासकर युवा वर्ग को जोड़ने की कोशिश की जा रही है, जो कि मौजूदा सरकार से नाराज़ नजर आता है। राहुल गांधी की यह पहल पार्टी को राज्य में नई ऊर्जा दे सकती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि छात्रों के बीच राहुल गांधी की उपस्थिति और उनसे संवाद करना एक सकारात्मक कदम है, लेकिन इसमें आने वाली चुनौतियां भी कम नहीं हैं। बिहार जैसे राज्य में जहां युवा बेरोजगारी, पलायन और शिक्षा की खराब स्थिति से जूझ रहे हैं, वहां सिर्फ भाषणों से नहीं, बल्कि जमीनी बदलाव से ही समर्थन हासिल किया जा सकता है।
राहुल गांधी के इस दौरे से यह साफ है कि कांग्रेस अब युवाओं को केंद्र में रखकर अपनी राजनीति को आगे बढ़ाना चाहती है। छात्रों के बीच लगे नारों ने भले ही क्षणिक तनाव उत्पन्न किया हो, लेकिन यह भी दर्शाता है कि युवा वर्ग अब चुप नहीं बैठना चाहता। वह सवाल पूछना चाहता है, जवाब चाहता है और बदलाव की उम्मीद करता है।