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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड में बड़ा फेरबदल: पूर्व RAW प्रमुख आलोक जोशी बने नए अध्यक्ष

भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) में एक अहम बदलाव करते हुए पूर्व RAW प्रमुख आलोक जोशी को बोर्ड का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। इस नियुक्ति को देश की सुरक्षा रणनीतियों के लिए एक निर्णायक कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि जोशी का अनुभव भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियों को नई दिशा देगा।

By bishanpreet345@gmail.com 

Updated Date

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड को मिला नया नेतृत्व

भारत की सुरक्षा नीति निर्धारण की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) के अध्यक्ष पद पर पूर्व RAW प्रमुख आलोक जोशी की नियुक्ति की है। इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि सरकार अब अधिक अनुभवी और जमीनी जानकारी रखने वाले विशेषज्ञों को रणनीतिक संस्थानों में शामिल कर रही है। आलोक जोशी की नियुक्ति को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते सुरक्षा खतरों को देखते हुए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक निर्णय माना जा रहा है।

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NSAB भारत की सुरक्षा रणनीति, रक्षा नीति और विदेश नीति से जुड़े अहम मसलों पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) को सुझाव देने वाला एक महत्वपूर्ण निकाय है। इसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होते हैं, जो सरकार को लंबी अवधि की रणनीति तय करने में मदद करते हैं।

आलोक जोशी का सुरक्षा क्षेत्र में लंबा अनुभव

आलोक जोशी, एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी हैं, जिन्होंने रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) में अपनी सेवाएं दी हैं और वहां से सेवानिवृत्त हुए हैं। वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों की गहरी समझ रखते हैं। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई महत्वपूर्ण गुप्त अभियानों का नेतृत्व किया और भारत की खुफिया क्षमताओं को मजबूत किया। उनके इस अनुभव का लाभ अब NSAB को मिलेगा।

बदलते वैश्विक परिदृश्य में रणनीति में बदलाव की आवश्यकता

वर्तमान वैश्विक और क्षेत्रीय हालात को देखते हुए, भारत को अपने सुरक्षा ढांचे और रणनीति को समय-समय पर अद्यतन करना जरूरी है। चीन की आक्रामकता, पाकिस्तान की आतंकवाद नीति और अफगानिस्तान की अनिश्चितता जैसे मुद्दे भारत के लिए चुनौतियां बने हुए हैं। आलोक जोशी जैसे अनुभवी अधिकारी की नियुक्ति यह संकेत देती है कि भारत अब इन चुनौतियों से निपटने के लिए आक्रामक और व्यावहारिक रणनीति अपनाने को तैयार है।

NSAB की भूमिका और भविष्य की दिशा

NSAB की भूमिका केवल सुरक्षा सलाह देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बोर्ड नीति निर्माण की प्रक्रिया में भी सक्रिय योगदान देता है। इसमें शामिल विशेषज्ञ रक्षा, खुफिया, साइबर सुरक्षा, अंतरराष्ट्रीय कूटनीति, और तकनीकी मामलों में अपने अनुभव के आधार पर सिफारिशें करते हैं। अब जब आलोक जोशी इसके अध्यक्ष बने हैं, तो NSAB की सिफारिशें और अधिक ठोस, व्यावहारिक और जमीनी हकीकत से जुड़ी होंगी।

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सरकार की मंशा: सुरक्षित और आत्मनिर्भर भारत

यह नियुक्ति सरकार की उस नीति का भी हिस्सा है, जिसके तहत वह भारत को एक मजबूत, सुरक्षित और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में स्थापित करना चाहती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत ने कई बड़े रक्षा और सुरक्षा सुधार किए हैं। आलोक जोशी की नियुक्ति इस दिशा में एक और मजबूत कदम के रूप में देखी जा रही है।

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