राजस्थान के मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री अमित शाह का स्वागत कर सबको चौंका दिया है। यह मुलाकात राजनीतिक गलियारों में हलचल का कारण बन गई है, जहां दोनों नेताओं की करीबी को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इस स्वागत को लेकर सियासी गलियारों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
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जयपुर – राजस्थान की राजनीति में उस समय हलचल मच गई जब राज्य के मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का गर्मजोशी से स्वागत किया। यह स्वागत न केवल राजनैतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रहा बल्कि इससे आगामी चुनावों को लेकर नई चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं।
अमित शाह का दौरा जयपुर में आयोजित एक आधिकारिक कार्यक्रम को लेकर था, जहां उन्होंने विभिन्न विकास योजनाओं का उद्घाटन किया। इसी दौरान मुख्यमंत्री की मौजूदगी और उनका आत्मीय व्यवहार सभी की नजरों में आ गया। मुख्यमंत्री ने शाह का स्वागत पारंपरिक राजस्थान शैली में किया और साथ में मंच साझा किया।
इससे पहले कई मौकों पर दोनों दलों में तल्खी देखी गई थी, लेकिन इस मुलाकात ने रिश्तों में गर्माहट की झलक दी।
मुख्यमंत्री का यह कदम कई राजनीतिक संकेत देता है। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह आगामी लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी का हिस्सा हो सकता है, जहां राज्य केंद्र से बेहतर तालमेल चाहता है। वहीं कुछ लोग इसे महज एक औपचारिकता मान रहे हैं।
कांग्रेस और बीजेपी के बीच चल रही सियासी खींचतान के बीच यह तस्वीरें कई सवाल खड़े कर रही हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा:
“हम राजनीति से ऊपर उठकर विकास पर बात कर रहे हैं। चाहे केंद्र हो या राज्य, आम जनता की भलाई सबसे जरूरी है।”
वहीं अमित शाह ने भी अपने भाषण में राज्य सरकार की कुछ योजनाओं की तारीफ करते हुए कहा कि:
“अगर राज्य और केंद्र मिलकर काम करें तो विकास की रफ्तार दोगुनी हो जाती है।”
सोशल मीडिया पर इस मुलाकात की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गए हैं। ट्विटर पर #AmitShahInRajasthan, #CMWelcomesShah और #RajasthanPolitics ट्रेंड करने लगे। कुछ लोगों ने इसे “राजनीतिक परिपक्वता” बताया तो कुछ ने इसे “चुनावी रणनीति” करार दिया।
टीवी चैनलों और अखबारों में भी इस मुलाकात को प्रमुखता दी जा रही है, खासकर इसलिए क्योंकि दोनों नेताओं की विचारधारा विपरीत रही है।
राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव को लेकर यह मुलाकात अहम मानी जा रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह सामंजस्य भविष्य की किसी गठजोड़ की शुरुआत है या सिर्फ एक औपचारिकता।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुख्यमंत्री का यह कदम उन्हें केंद्र से ज्यादा फंड दिलाने में मदद कर सकता है, जिससे राज्य की योजनाओं को मजबूती मिल सके।
लोगों ने इस मुलाकात को मिलाजुला रुख दिया है। कुछ का कहना है कि यह स्वागत राजनीति से ऊपर उठकर विकास के लिए अच्छा संकेत है, तो कुछ इसे राजनीतिक मजबूरी बता रहे हैं।
एक स्थानीय व्यापारी ने कहा:
“अगर दोनों मिलकर काम करें तो व्यापार, उद्योग और रोजगार को फायदा होगा।”
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