पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले में आरोपी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह घटना भारतीय अधिकारियों के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि चोकसी पिछले कुछ वर्षों से भारत से फरार था। इस लेख में हम चोकसी की गिरफ्तारी और PNB घोटाले से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
Updated Date
भारत के सबसे बड़े बैंक घोटालों में से एक, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाला, जिसने भारतीय बैंकिंग प्रणाली को हिला दिया था, उसके प्रमुख आरोपी मेहुल चोकसी को अब बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी भारतीय अधिकारियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है, क्योंकि चोकसी ने 2018 में भारत से फरार होकर देश से बाहर जाने के बाद अपने खिलाफ दर्ज किए गए मामले से बचने की पूरी कोशिश की थी।
PNB घोटाले की शुरुआत 2017 में हुई थी जब यह सामने आया कि मेहुल चोकसी और उसके भतीजे नीरव मोदी ने PNB से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की थी। दोनों आरोपियों ने बैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर फर्जी लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (LOUs) का उपयोग कर बैंक से बड़े पैमाने पर ऋण प्राप्त किए, जिन्हें बाद में चुकता नहीं किया गया। इस घोटाले ने भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में एक गहरा धक्का दिया और देश की वित्तीय प्रणाली की सुरक्षा पर सवाल उठाए।
चोकसी और मोदी के फरार होने के बाद, भारत सरकार ने इंटरपोल और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से मदद ली थी ताकि दोनों भगोड़ों को वापस लाया जा सके। मेहुल चोकसी ने पहले एंटीगुआ और बारबुडा में शरण ली थी, जहां वह नागरिकता प्राप्त करने में सफल रहा। इसके बाद वह वहां से भागकर बेल्जियम में पहुंच गया था। भारतीय सरकार ने इस मामले में सक्रिय रूप से हस्तक्षेप किया और कई कानूनी प्रयास किए ताकि चोकसी को वापस भारत लाया जा सके।
बेल्जियम में चोकसी की गिरफ्तारी भारतीय अधिकारियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि इससे यह साबित होता है कि भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक अपराधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए तैयार है। अब भारत सरकार बेल्जियम से चोकसी की प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को तेज करने की कोशिश कर रही है, ताकि वह भारतीय अदालत में अपना पक्ष रख सके और न्याय का सामना कर सके।
चोकसी की गिरफ्तारी से जुड़े सवालों का उत्तर पाने के लिए भारतीय अधिकारी बेल्जियम की न्यायिक व्यवस्था के साथ संपर्क में हैं। इसके अलावा, यह गिरफ्तारी भारत में भ्रष्टाचार और आर्थिक अपराधों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन सकती है। भारतीय सरकार का यह कदम यह संकेत देता है कि भारत अपनी संप्रभुता और न्यायिक प्रणाली की रक्षा के लिए किसी भी प्रकार के भगोड़ों को देश में वापस लाने के लिए दृढ़ है।
PNB घोटाला, जिसे भारतीय वित्तीय इतिहास का सबसे बड़ा धोखाधड़ी मामले में से एक माना जाता है, अब एक नई दिशा की ओर बढ़ रहा है। चोकसी और मोदी जैसे भगोड़ों की गिरफ्तारी से यह साबित होता है कि भारतीय न्यायपालिका और सरकारी संस्थाएं भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस घटना से भारतीय बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा को भी एक नया बल मिलेगा और भ्रष्टाचार के खिलाफ समाज में जागरूकता बढ़ेगी।