समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने यूपी के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि "वो आंखें बंद करके बोलते हैं और सच्चाई से मुंह मोड़ते हैं।" उन्होंने सरकार पर जमीनी हकीकत से कटे होने का आरोप लगाया और रोजगार, शिक्षा व कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों को उठाया।
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लखनऊ – समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष Akhilesh Yadav ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर तीखा हमला बोला है। लखनऊ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा,
“हमारे मुख्यमंत्री जब भी बोलते हैं, तो वो आंखें बंद करके बोलते हैं… उन्हें न ज़मीन दिखती है, न सच्चाई।”
अखिलेश यादव का यह बयान राज्य सरकार की कथित विफलताओं को लेकर था, जिसमें उन्होंने रोज़गार, स्वास्थ्य व्यवस्था, शिक्षा, किसानों की स्थिति और कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए।
Akhilesh Yadav ने कहा कि वर्तमान सरकार केवल आंकड़ों और प्रचार में व्यस्त है, जबकि जमीनी स्तर पर लोग परेशान हैं। उन्होंने दावा किया कि नौजवान बेरोज़गार हैं, किसान आत्महत्या कर रहे हैं और छोटे व्यापारी आर्थिक रूप से टूट चुके हैं।
उन्होंने कहा:
“सरकार का फोकस लोगों की भलाई पर नहीं, बल्कि सिर्फ अपने चेहरे चमकाने पर है। आंख बंद करके बोलने से जनता की आंखें बंद नहीं होतीं।”
बेरोज़गारी – युवाओं को नौकरी देने के नाम पर सरकार सिर्फ वादे कर रही है, कोई ठोस योजना नहीं।
शिक्षा – स्कूलों की हालत खराब है, टीचिंग स्टाफ की कमी है।
कानून व्यवस्था – महिलाओं की सुरक्षा के दावे खोखले हैं।
किसान – गन्ना भुगतान से लेकर खाद की कमी तक, किसान त्रस्त हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य में पुलिस राज चल रहा है और सरकार सवाल उठाने वालों की आवाज़ दबा रही है।
यह बयान ऐसे समय आया है जब प्रदेश में पंचायत से लेकर लोकसभा चुनावों तक की तैयारियां तेज़ हो रही हैं। अखिलेश यादव ने यह साफ़ किया कि सपा जनता के मुद्दों पर लड़ाई लड़ेगी, न कि जाति-धर्म की राजनीति करेगी।
उन्होंने कहा:
“हमने समाज को जोड़ा है, बीजेपी ने सिर्फ बांटा है। हमारी लड़ाई मुद्दों पर होगी, नफरत पर नहीं।”
भाजपा नेताओं ने अखिलेश के बयान को “राजनीतिक हताशा” बताया है। एक बीजेपी प्रवक्ता ने कहा:
“अखिलेश यादव अब सिर्फ बयानों की राजनीति कर रहे हैं। राज्य में विकास के रिकॉर्ड स्पष्ट हैं।”
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जनता के बीच इस बयान पर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखी गई। कुछ लोगों ने अखिलेश यादव की बातों का समर्थन किया, वहीं कुछ ने इसे चुनावी स्टंट करार दिया।
एक स्थानीय युवा ने कहा:
“सरकारी नौकरी के फॉर्म तो आते हैं, लेकिन नौकरी कब मिलती है – यह कोई नहीं बताता।”
सपा प्रमुख ने अपने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे जनता के बीच जाकर असल मुद्दों को उठाएं। उन्होंने अगले चुनाव को “जनता बनाम जुमला” करार दिया और कहा कि वे उत्तर प्रदेश को एक बार फिर प्रगतिशील रास्ते पर लाना चाहते हैं।