मुंबई पुलिस ने बढ़ते डिजिटल फ्रॉड्स पर लगाम कसने के लिए एक नई साइबर क्राइम रोकथाम पहल की शुरुआत की है। इस अभियान का मकसद लोगों को जागरूक करना और ठगों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करना है। सोशल मीडिया से लेकर बैंकिंग फ्रॉड तक हर डिजिटल अपराध अब पुलिस के रडार पर रहेगा।
Updated Date
मुंबई पुलिस की नई पहल: साइबर अपराधियों की अब खैर नहीं, डिजिटल सुरक्षा के लिए सख्त कदम
मुंबई, जो देश की आर्थिक राजधानी मानी जाती है, आजकल तेजी से बढ़ते साइबर क्राइम की चपेट में है। डिजिटल लेन-देन में बढ़ोत्तरी और ऑनलाइन सेवाओं के विस्तार ने जहां आम लोगों की जिंदगी आसान की है, वहीं साइबर अपराधियों के लिए यह एक नया हथियार बन चुका है। इसी को ध्यान में रखते हुए मुंबई पुलिस ने एक बड़ा कदम उठाया है — साइबर क्राइम रोकथाम पहल (Cyber Crime Prevention Initiative) की शुरुआत।
बीते कुछ सालों में मुंबई में फिशिंग, बैंकिंग फ्रॉड, OTP स्कैम, सोशल मीडिया हैकिंग, और डेटा चोरी जैसे मामलों में जबरदस्त इज़ाफा देखा गया है। मुंबई पुलिस के मुताबिक, हर महीने सैकड़ों लोग किसी न किसी रूप में डिजिटल फ्रॉड का शिकार बनते हैं। इनमें बुज़ुर्ग, स्टूडेंट्स, बिज़नेस प्रोफेशनल्स और यहां तक कि IT वर्कर्स भी शामिल हैं।
मुंबई पुलिस की इस नई पहल में कई बड़े कदम उठाए गए हैं:
साइबर हेल्पलाइन नंबर – 1930 नंबर को एक्टिव रूप से प्रमोट किया जा रहा है, ताकि लोग तुरंत सहायता प्राप्त कर सकें।
थानों में साइबर विशेषज्ञों की तैनाती – हर थाने में साइबर मामलों की त्वरित जांच के लिए स्पेशल टीम होगी।
ऑनलाइन फ्रॉड की रियल-टाइम रिपोर्टिंग और ट्रैकिंग सिस्टम – अब पीड़ित व्यक्ति की शिकायत तुरंत सिस्टम में दर्ज होगी और संबंधित बैंक या प्लेटफ़ॉर्म को अलर्ट किया जाएगा।
स्कूलों और कॉलेजों में साइबर अवेयरनेस अभियान – युवाओं को इंटरनेट पर सुरक्षित रहने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी।
आज के दौर में Instagram, Facebook, WhatsApp, Telegram जैसे प्लेटफॉर्म पर फ्रॉड तेजी से फैल रहे हैं। मुंबई पुलिस ने ऐसे कई मामलों को चिन्हित किया है, जहां लोग फेक जॉब ऑफर, इन्वेस्टमेंट स्कीम, और फर्जी लॉटरी के जाल में फंसे हैं। पुलिस का कहना है कि अपराधी अब पहले से ज्यादा प्रोफेशनल और सॉफ्टिस्टिकेटेड तरीके से लोगों को ठगते हैं।
मुंबई साइबर सेल के अनुसार 2023 में करीब 14,000 से ज्यादा साइबर फ्रॉड मामले सामने आए थे, जिनमें करीब ₹150 करोड़ की धोखाधड़ी हुई। वहीं, 2024 के पहले तिमाही में ही इस आंकड़े में 20% का इज़ाफा दर्ज किया गया है।
मुंबई के पुलिस कमिश्नर विवेक फणसालकर ने मीडिया से बातचीत में बताया,
“हमारा उद्देश्य सिर्फ अपराधियों को पकड़ना नहीं, बल्कि आम नागरिकों को जागरूक करना भी है। हर व्यक्ति जो इंटरनेट का इस्तेमाल करता है, उसे साइबर सुरक्षा के मूल नियम जानने की जरूरत है।”
मुंबई पुलिस ने कुछ महत्वपूर्ण सलाहें भी जारी की हैं:
किसी अनजान लिंक पर क्लिक न करें
किसी से भी OTP, बैंक डिटेल्स या UPI पिन साझा न करें
सरकारी या बैंकिंग नंबर को क्रॉस-वेरिफाई करें
साइबर हेल्पलाइन 1930 पर तुरंत शिकायत दर्ज कराएं
सोशल मीडिया पर ज्यादा पर्सनल जानकारी शेयर करने से बचें
इस अभियान में सिर्फ पुलिस ही नहीं बल्कि बैंकों, टेलीकॉम कंपनियों, और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भी शामिल किया गया है। CERT-In, RBI, और NPCI जैसे संस्थान भी सहयोग कर रहे हैं ताकि साइबर सुरक्षा को एक समग्र दृष्टिकोण से मजबूत किया जा सके।
साइबर अपराध एक ऐसी चुनौती बन चुका है, जिसे सिर्फ कानूनी कार्रवाई से नहीं बल्कि सामूहिक जागरूकता और तकनीकी मजबूती से ही मात दी जा सकती है। मुंबई पुलिस की यह नई पहल न सिर्फ एक समाधान है, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल बन सकती है। समय आ गया है कि हर नागरिक साइबर स्मार्ट बने और डिजिटल ठगों को शिकस्त दे।