पाकिस्तान के एक वरिष्ठ मंत्री ने दावा किया है कि भारत अगले 36 घंटों में सैन्य कार्रवाई कर सकता है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और गहरा सकता है। इस बयान के बाद क्षेत्रीय सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। भारत सरकार की ओर से इस दावे पर अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन रणनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है।
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दक्षिण एशिया में एक बार फिर तनाव की लहर दौड़ गई है। पाकिस्तान के एक वरिष्ठ मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सनसनीखेज दावा किया है कि भारत अगले 36 घंटे में सैन्य कार्रवाई करने की योजना बना रहा है। इस बयान ने दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंधों में नई आग लगा दी है। पाकिस्तान सरकार ने इस संभावित कार्रवाई के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की है।
पाकिस्तानी मंत्री ने दावा किया कि उन्हें खुफिया एजेंसियों से ऐसी सूचना मिली है कि भारत एलओसी (LoC) पर या पाकिस्तान के भीतर किसी रणनीतिक ठिकाने पर प्रेसिजन स्ट्राइक कर सकता है। हालांकि, उन्होंने इस जानकारी के कोई ठोस सबूत सार्वजनिक नहीं किए हैं। यह पहली बार नहीं है जब इस तरह के बयान पाकिस्तान की ओर से सामने आए हों, लेकिन इस बार की टाइमलाइन को लेकर स्पष्टता ने हलचल को बढ़ा दिया है।
भारत सरकार ने इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन भारतीय रक्षा विशेषज्ञों और सेना के पूर्व अधिकारियों का कहना है कि यह बयान पाकिस्तान की “फियर-मॉन्गरिंग” रणनीति का हिस्सा हो सकता है, ताकि वे अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाकर भारत को कूटनीतिक रूप से घेर सकें।
भारत ने पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसी कार्रवाइयों में अपनी सैन्य क्षमता का प्रदर्शन किया है। लेकिन भारत का रुख हमेशा “आत्मरक्षा में कार्रवाई” का रहा है, ना कि उकसावे के तहत।
इस बयान के बाद संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, और चीन जैसे देशों की नजरें इस क्षेत्र पर टिकी हैं। पाकिस्तान ने इन शक्तियों से अपील की है कि वे भारत को “एकतरफा सैन्य कदम उठाने से रोकें।” वहीं, भारतीय रणनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति और बढ़ते घरेलू असंतोष से ध्यान भटकाने का प्रयास हो सकता है।
भारत में विपक्षी दलों ने इस बयान को गंभीरता से लेने की बात कही है और सरकार से राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की अपील की है। सोशल मीडिया पर भी लोग दो धड़ों में बंटे नजर आ रहे हैं – कुछ इसे पाकिस्तान की चाल बता रहे हैं, तो कुछ संभावित कार्रवाई की तैयारी की मांग कर रहे हैं।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि अगर वास्तव में भारत कोई कार्रवाई करता है, तो उसकी रणनीति पहले से तय और लक्ष्य पर केंद्रित होगी – जैसा कि पहले भी देखा गया है। वहीं पाकिस्तान का यह दावा एक राजनीतिक स्टंट भी हो सकता है, जिससे उसे वैश्विक सहानुभूति मिले।
भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर वर्षों से तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। ऐसे में इस तरह के बयान स्थिति को और जटिल बना सकते हैं। भारत को अब कूटनीति और रणनीति के बीच संतुलन साधते हुए अगला कदम उठाना होगा। चाहे बयान सही हो या केवल एक रणनीतिक शोर, क्षेत्रीय स्थिरता के लिए यह आवश्यक है कि सत्य और शांति को प्राथमिकता दी जाए।