भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव के बीच एक ज़िंदा मिसाइल मिलने से हड़कंप मच गया। यह मिसाइल अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास संदिग्ध हालात में मिली थी, जिसे सेना ने तत्परता दिखाते हुए सुरक्षित तरीके से निष्क्रिय कर दिया। सुरक्षा एजेंसियां इसकी जांच में जुट गई हैं, और सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है।
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भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच एक बड़ी सनसनी तब फैली जब अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक जिंदा मिसाइल बरामद की गई। यह मिसाइल एक ग्रामीण इलाके में पाई गई थी, जिसे स्थानीय लोगों ने देखा और तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को सूचना दी। इसके बाद सेना की बम निरोधक टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में लिया और मिसाइल को सुरक्षित तरीके से निष्क्रिय कर दिया।
मामला जम्मू क्षेत्र के एक सीमावर्ती गांव का बताया जा रहा है, जहां यह संदिग्ध वस्तु मिलने से इलाके में दहशत फैल गई। चश्मदीदों के अनुसार, यह मिसाइल ज़मीन में आंशिक रूप से धंसी हुई थी, जिससे साफ था कि यह हाल ही में गिरी है। हालांकि, इसमें विस्फोट नहीं हुआ था, जिससे बड़ा हादसा टल गया।
सेना और खुफिया एजेंसियों ने इस घटनाक्रम को बेहद गंभीरता से लिया है। प्रारंभिक जांच में अनुमान लगाया जा रहा है कि यह मिसाइल पाकिस्तान की ओर से गलती से दागी गई हो सकती है, या फिर यह जानबूझकर भेजी गई एक मनोवैज्ञानिक चाल भी हो सकती है। सेना ने पूरे इलाके को घेर लिया है और व्यापक सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है ताकि कोई अन्य संदिग्ध वस्तु या गतिविधि सामने आ सके।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की घटनाएं सीमा पर तनाव को और बढ़ा सकती हैं। भारत ने पहले भी ऐसी घटनाओं को लेकर पाकिस्तान को चेतावनी दी है। वर्ष 2022 में भी पाकिस्तान की ओर से गलती से एक मिसाइल भारत की सीमा में गिर गई थी, जिसे लेकर काफी विवाद हुआ था। अब एक बार फिर ऐसी घटना का दोहराव सुरक्षा तंत्र के लिए चिंता का विषय बन गई है।
मौके पर पहुंचे सेना के अधिकारियों ने पुष्टि की कि मिसाइल में विस्फोटक सामग्री मौजूद थी, लेकिन सौभाग्यवश इसमें विस्फोट नहीं हुआ। बम निरोधक दस्ते ने मिसाइल को निष्क्रिय करने की प्रक्रिया को पूरी सतर्कता के साथ अंजाम दिया। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियो फुटेज भी सामने आई है, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
इस बीच सरकार ने भी इस घटना को लेकर उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। रक्षा मंत्रालय ने सेना से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और पाकिस्तान से राजनयिक स्तर पर कड़ा विरोध दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है। भारत की ओर से स्पष्ट संकेत दिए गए हैं कि देश की संप्रभुता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, सीमा क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था और सख्त की जा रही है। ड्रोन निगरानी, सेंसिंग सिस्टम और विशेष गश्त की व्यवस्था को और मजबूत किया गया है ताकि ऐसी घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके।
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पाकिस्तान की ओर से आने वाला खतरा केवल परंपरागत युद्ध नहीं, बल्कि छद्म युद्ध के रूप में भी हो सकता है। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि यह एक परीक्षण हो सकता है कि भारतीय सुरक्षा बल कितनी तेजी और कुशलता से प्रतिक्रिया देते हैं।
फिलहाल इलाके में शांति है, लेकिन लोग अभी भी डरे हुए हैं। प्रशासन ने लोगों से अफवाहों से बचने और किसी भी संदिग्ध वस्तु की सूचना तुरंत अधिकारियों को देने की अपील की है।
भारत सरकार और सेना की तत्परता से एक बड़ा हादसा टल गया, लेकिन इस घटना ने यह ज़रूर दिखा दिया कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर किसी भी समय हालात बिगड़ सकते हैं। ऐसे में सतर्कता और मजबूती ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।