चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने एक अहम बयान देते हुए कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव होंगे। किशोर ने यह भी दावा किया कि RJD और कांग्रेस सहित सहयोगी दल तेजस्वी के नेतृत्व को लेकर एकमत हैं। इस बयान से बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।
Updated Date
बिहार की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मच गई है। इस बार वजह हैं चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर, जिन्होंने दावा किया है कि आगामी विधानसभा चुनावों में महागठबंधन (Grand Alliance) की ओर से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया जाएगा। किशोर ने अपने इस बयान में यह भी जोड़ा कि महागठबंधन के सभी सहयोगी दल तेजस्वी के नेतृत्व पर सहमत हैं और यह निर्णय जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा।
प्रशांत किशोर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार की सियासत कई मुद्दों को लेकर गर्माई हुई है, और सत्ता पक्ष तथा विपक्ष के बीच ज़बानी जंग तेज हो चुकी है। उन्होंने कहा कि “जनता में तेजस्वी यादव की स्वीकार्यता लगातार बढ़ रही है और वह युवा, शिक्षित व अनुभवी नेता के रूप में उभर कर सामने आए हैं। महागठबंधन को एक मजबूत चेहरा चाहिए, और तेजस्वी इस भूमिका के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।”
प्रशांत किशोर ने इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि नीतीश जी की राजनीति अब थक चुकी है और बिहार को अब बदलाव की जरूरत है। किशोर ने तंज कसते हुए कहा, “बिहार में अब पुराने फार्मूले काम नहीं करने वाले। जनता अब नया नेतृत्व चाहती है, जो तेजस्वी यादव दे सकते हैं।”
महागठबंधन में शामिल दल—RJD, कांग्रेस, वाम दल और अन्य—अब साझा रणनीति के तहत चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। प्रशांत किशोर का यह बयान इस ओर इशारा करता है कि विपक्ष अब स्पष्ट नेतृत्व के साथ जनता के बीच जाना चाहता है, जिससे मतदाताओं में एक मजबूत और भरोसेमंद विकल्प का संदेश जाए।
किशोर के अनुसार, “महागठबंधन का लक्ष्य सिर्फ चुनाव जीतना नहीं, बल्कि बिहार को विकास की नई राह पर ले जाना है। तेजस्वी यादव इस सोच के प्रतीक हैं।”
प्रशांत किशोर के इस बयान पर BJP नेताओं ने कड़ा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि किशोर खुद कभी एक विचारधारा के नहीं रहे और अब विपक्ष की गोटी सेट कर रहे हैं। BJP प्रवक्ताओं ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाते हुए कहा कि “बिहार की जनता जाति और वंशवाद की राजनीति से ऊब चुकी है।”
तेजस्वी यादव को जनता के बीच में एक युवा और ऊर्जावान नेता के रूप में देखा जा रहा है, जो बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे जमीनी मुद्दों को लेकर सक्रिय हैं। वहीं, प्रशांत किशोर की रणनीतिक क्षमता और जमीनी पकड़ को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
अगर वाकई में महागठबंधन तेजस्वी यादव को अपना चेहरा बनाता है, तो बिहार की राजनीति में एक नई दिशा देखने को मिल सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में NDA बनाम महागठबंधन की लड़ाई किस तरह आकार लेती है और क्या तेजस्वी वास्तव में जनादेश पाने में सफल होते हैं।