अवध की परंपरागत आस्था का प्रतीक ‘बड़ा मंगल’ पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। अयोध्या स्थित हनुमानगढ़ी मंदिर में सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिलीं। मंदिर परिसर 'जय बजरंगबली' के जयकारों से गूंज उठा, जहां भक्तों ने पूजा-अर्चना कर मंगलकामना की।
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अयोध्या में बड़े मंगल के अवसर पर आस्था और श्रद्धा का एक अद्भुत संगम देखने को मिला। हनुमानगढ़ी मंदिर, जो कि भगवान हनुमान को समर्पित है, मंगलवार की सुबह से ही श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ नजर आया। यह विशेष पर्व उत्तर भारत, विशेष रूप से लखनऊ, अयोध्या और आसपास के क्षेत्रों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन को ‘बड़ा मंगल’ के नाम से जाना जाता है, जो कि हनुमान जी को समर्पित होता है और ज्येष्ठ माह के प्रत्येक मंगलवार को मनाया जाता है।
मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं ने विधिवत पूजन, हनुमान चालीसा पाठ और विशेष आरती में भाग लिया। मंदिर में विशेष सजावट और भंडारे का आयोजन भी किया गया था, जहां हजारों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। भक्तगण ‘संकटमोचन हनुमान’ से परिवार की सुख-समृद्धि और जीवन में मंगल की कामना करते नजर आए।
‘जय श्री राम’ और ‘बजरंगबली की जय’ के नारों से पूरा मंदिर परिसर गूंज उठा। श्रद्धालु नंगे पांव कतारों में खड़े होकर दर्शन का इंतजार करते रहे। हनुमान जी की मूर्ति को चंदन, फूलों और सिंदूर से श्रृंगारित किया गया था। मंदिर के पुजारियों ने सुबह से लेकर देर रात तक पूजा-पाठ और आरती का सिलसिला जारी रखा।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए। मंदिर के आसपास बैरिकेडिंग, ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी निगरानी की गई। महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों के लिए विशेष सहायता केंद्र बनाए गए। साथ ही, स्वास्थ्य शिविर और पेयजल की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई।
बड़ा मंगल केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक सेवा और एकजुटता का प्रतीक भी है। कई समाजसेवी संगठनों और स्थानीय निवासियों द्वारा जगह-जगह पंडाल, भंडारे, ठंडे पानी की व्यवस्था की गई थी। इस दिन हर वर्ग, हर धर्म के लोग एक साथ मिलकर सेवा कार्य में जुट जाते हैं, जो भारतीय संस्कृति की सर्वधर्म समभाव की परंपरा को दर्शाता है।
मंदिर में आए कई श्रद्धालुओं ने बताया कि वो वर्षों से इस दिन विशेष रूप से हनुमानगढ़ी में दर्शन करने आते हैं। एक भक्त ने कहा, “बड़े मंगल के दिन हनुमान जी की पूजा से सब कष्ट दूर हो जाते हैं। यहाँ आकर एक अलौकिक शांति मिलती है।”