बगलिहार डैम के सभी फ्लड गेट्स बंद कर दिए गए हैं। यह फैसला जलस्तर में गिरावट और संभावित मौसम बदलावों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। प्रशासन और जल शक्ति विभाग ने स्थिति पर कड़ी नजर रखते हुए सुरक्षा मानकों को प्राथमिकता दी है। स्थानीय निवासियों से सतर्क रहने की अपील की गई है।
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जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में स्थित बगलिहार डैम के सभी द्वार बंद कर दिए गए हैं। जल शक्ति विभाग के अनुसार, यह निर्णय जलस्तर में आई गिरावट और मौसम की बदलती परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। चिनाब नदी पर बने इस महत्वपूर्ण डैम की निगरानी लगातार जारी है और विशेषज्ञों द्वारा स्थिति का आकलन किया जा रहा है।
बगलिहार डैम, जिसे बगलिहार जल विद्युत परियोजना के नाम से भी जाना जाता है, भारत की एक प्रमुख जल विद्युत परियोजना है जो न केवल बिजली उत्पादन के लिए अहम है, बल्कि जल प्रबंधन और सिंचाई के लिए भी बेहद जरूरी है। इस परियोजना के तहत कई सुरक्षात्मक मानकों का पालन किया जाता है, और किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए टीम हमेशा तैयार रहती है।
डैम के फ्लड गेट्स को बंद करने का फैसला अचानक नहीं लिया गया। विभागीय अधिकारियों ने पहले से ही मौसम विभाग की रिपोर्ट, जल स्तर के आंकड़े, और नदी के प्रवाह की गति का विश्लेषण किया था। इसके बाद ही यह निष्कर्ष निकाला गया कि फिलहाल सभी द्वार बंद करना जरूरी है ताकि नदी के नीचे की ओर बसे इलाकों में कोई भी अप्रत्याशित जल संकट उत्पन्न न हो।
स्थानीय प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस निर्णय से बिजली उत्पादन पर फिलहाल कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा। जल का संग्रहण करते हुए भी आवश्यक उत्पादन जारी रहेगा। वहीं, आसपास के गांवों को सतर्क किया गया है कि वे किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन से तुरंत संपर्क करें।
चिनाब घाटी के कई इलाकों में हाल ही में मौसम में असामान्य बदलाव देखे गए हैं। कभी-कभी भारी बारिश और कभी लंबे समय तक सूखा—ऐसी स्थिति में जल प्रबंधन की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। बगलिहार डैम के इंजीनियरों और तकनीकी विशेषज्ञों ने दावा किया है कि डैम की संरचना पूरी तरह सुरक्षित है और इसकी मॉनिटरिंग रीयल टाइम सिस्टम्स के माध्यम से की जा रही है।
पिछले कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि मानसून के दौरान अचानक जलस्तर बढ़ने से डैम गेट्स खोलने की नौबत आती है, जिससे कई बार निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में इस बार एडवांस निर्णय लेकर सभी गेट्स को बंद रखना एक स्मार्ट और सुरक्षात्मक कदम माना जा रहा है।
बगलिहार डैम से जुड़ी यह जानकारी स्थानीय नागरिकों के लिए बेहद अहम है। प्रशासन ने आग्रह किया है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर विश्वास करें। साथ ही, डैम क्षेत्र के पास अनावश्यक आवाजाही से भी बचने की सलाह दी गई है।
सरकार और जल शक्ति विभाग ने यह भी संकेत दिया है कि यदि आवश्यक हुआ तो द्वारों को क्रमिक रूप से खोला जा सकता है, लेकिन वह पूरी तरह से मौसम और जल प्रवाह पर निर्भर करेगा। यह एक अस्थायी उपाय है और नागरिकों को घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है।
बगलिहार डैम की तकनीकी व्यवस्था, सुरक्षा प्रोटोकॉल और उसका रणनीतिक महत्व भारत के जल नीति और ऊर्जा उत्पादन में बेहद अहम है। इस तरह के फैसले यह दर्शाते हैं कि प्रशासन प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और जन सुरक्षा को लेकर गंभीर है।