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फर्जी खबरों की बाढ़: पाकिस्तान की साजिश पर भारत का करारा जवाब

पाकिस्तान द्वारा सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे फर्जी प्रोपेगेंडा और भ्रामक खबरों पर भारत ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने इन झूठी खबरों का समय पर पर्दाफाश कर पाकिस्तान की साजिशों को बेनकाब कर दिया। यह घटनाक्रम बताता है कि सूचना युद्ध के इस दौर में भारत सजग और सक्षम है।

By bishanpreet345@gmail.com 

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पाकिस्तान की फेक न्यूज़ फैक्ट्री फिर सक्रिय, भारत ने किया खुलासा

हाल के दिनों में पाकिस्तान ने एक बार फिर सोशल मीडिया के ज़रिए भारत को बदनाम करने की कोशिश की। विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर झूठे वीडियो, मिसलीडिंग तस्वीरें और गलत दावे फैलाए गए, जिनमें भारत के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश की गई। इन प्रोपेगेंडा पोस्ट्स में कश्मीर, भारतीय सेना, और अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार जैसे झूठे नैरेटिव्स शामिल थे। हालांकि, भारत की साइबर एजेंसियों और फैक्ट-चेकिंग टीमों ने इन दावों को त्वरित कार्रवाई से झूठा साबित कर दिया।

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भारत का करारा जवाब: फैक्ट चेक के साथ किया पर्दाफाश

भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और इंडिपेंडेंट फैक्ट चेकर्स ने प्रमाण सहित यह दिखा दिया कि पाकिस्तान के अधिकांश दावे नकली, पुरानी तस्वीरों और एडिटेड वीडियो पर आधारित थे। उदाहरण के लिए, एक वीडियो जिसमें दावा किया गया था कि कश्मीर में प्रदर्शनकारियों पर सेना ने बर्बरता की, वह वास्तव में 2010 के सीरिया के दंगों का फुटेज निकला। भारत सरकार ने सिर्फ इन खबरों को खारिज किया, बल्कि सोशल मीडिया कंपनियों से इन्हें हटाने की मांग भी की।


अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की किरकिरी

पाकिस्तान की यह रणनीति केवल भारत ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी चिंता का विषय बनती जा रही है। यूरोपियन यूनियन डिसइन्फॉर्मेशन वॉच, ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट और अन्य ग्लोबल एजेंसियों ने भी पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित फेक न्यूज़ नेटवर्क की पहचान की है। भारत के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि इस तरह की दुष्प्रचार मुहिमें भारत की छवि खराब नहीं कर सकतीं, बल्कि पाकिस्तान की साख पर ही सवाल खड़े करती हैं।


भारत की साइबर नीति और सजगता बनी ढाल

भारत ने पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल सुरक्षा और सूचना की पारदर्शिता को प्राथमिकता दी है। डिजिटल इंडिया, साइबर सुरक्षा नीति 2020 और CERT-In जैसे संस्थानों ने फर्जी खबरों की पहचान और नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज भारत ना केवल फेक न्यूज़ के खिलाफ तत्परता से प्रतिक्रिया देता है, बल्कि जनता को भी जागरूक करता है कि वे किसी भी खबर को बिना पुष्टि के शेयर करें।


सोशल मीडिया की भूमिका और ज़िम्मेदारी

फेसबुक, ट्विटर (अब X), इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसी सोशल मीडिया कंपनियों को भी पाकिस्तानी फेक कंटेंट हटाने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। भारत सरकार का कहना है कि ये प्लेटफॉर्म्स यदि प्रोपेगेंडा रोकने में सहयोग नहीं करते, तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। साथ ही भारत ने यूज़र्स से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर सतर्क रहें और किसी भी भ्रामक खबर की सूचना तुरंत प्रशासन को दें

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भारत की सजगता ही सबसे बड़ा हथियार

जहां एक ओर पाकिस्तान झूठ के सहारे भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है, वहीं भारत सच्चाई और प्रमाण के साथ जवाब दे रहा है। भारत का रुख स्पष्ट है – फर्जी खबरों और प्रोपेगेंडा का जवाब तर्क और तथ्य से दिया जाएगा। भारत की सजग जनता, स्वतंत्र मीडिया और साइबर सुरक्षा एजेंसियां इस डिजिटल युद्ध में एक मज़बूत दीवार बन चुकी हैं।

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