प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रमुख मुस्लिम नेताओं से मुलाकात की। यह बैठक सौहार्द, सामाजिक एकता और आपसी संवाद को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। दोनों पक्षों के बीच सांप्रदायिक समरसता और विकासशील भारत में मुसलमानों की भागीदारी को लेकर चर्चा हुई।
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प्रधानमंत्री मोदी और दाऊदी बोहरा नेताओं की मुलाकात: समरसता, विकास और संवाद का नया अध्याय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाल ही में देश के प्रतिष्ठित दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय के वरिष्ठ नेताओं ने भेंट की। यह मुलाकात न केवल राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रही, बल्कि इससे देश में धार्मिक सौहार्द और एकता को भी नया बल मिला है।
कौन हैं दाऊदी बोहरा?
दाऊदी बोहरा समुदाय एक शांतिप्रिय और अनुशासित मुस्लिम समुदाय है जो मुख्यतः गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बसा हुआ है। इनकी वैश्विक उपस्थिति भी काफी मजबूत है, खासकर खाड़ी देशों, अमेरिका, यूके और अफ्रीका में। इनका नेतृत्व सैयदना मुफ़द्दल सैफुद्दीन करते हैं, जो समुदाय के आध्यात्मिक और सामाजिक मार्गदर्शक हैं।
मुलाकात का उद्देश्य और महत्व
दाऊदी बोहरा नेताओं ने प्रधानमंत्री से शिष्टाचार भेंट की, जिसमें उन्होंने देश की तरक्की, सामाजिक सौहार्द और अल्पसंख्यकों की भागीदारी पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने बोहरा समुदाय के योगदान की सराहना करते हुए उन्हें “राष्ट्र निर्माण में भागीदार” बताया। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब देश में सांप्रदायिक सद्भाव को लेकर विभिन्न पक्षों के बीच संवाद की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री का रुख
पीएम मोदी ने कहा,
“दाऊदी बोहरा समुदाय ने देश की सामाजिक, आर्थिक और आध्यात्मिक प्रगति में सदैव योगदान दिया है। उनका अनुशासन और देशभक्ति प्रेरणादायक है।”
उन्होंने यह भी कहा कि सभी समुदायों को मिलकर भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में सहयोग करना चाहिए।
दाऊदी बोहरा नेताओं का दृष्टिकोण
दाऊदी बोहरा प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री को बताया कि उनका समुदाय भारत की संस्कृति, संविधान और लोकतंत्र के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि वे “सर्वधर्म संभाव” में विश्वास करते हैं और प्रधानमंत्री के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” के नारे से पूरी तरह सहमत हैं।
ऐतिहासिक संबंध
यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोहरा समुदाय से मुलाकात की हो। जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब से ही उनका इस समुदाय से गहरा संबंध रहा है। उन्होंने कई बार सैयदना साहब के कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है और उन्हें ‘परिवार जैसा’ सम्मान दिया है।
सामाजिक संदेश और राजनीतिक संकेत
विशेषज्ञों के अनुसार, यह मुलाकात उस दिशा में भी संकेत देती है जहाँ केंद्र सरकार अल्पसंख्यकों के साथ प्रत्यक्ष संवाद को प्राथमिकता दे रही है। इससे यह भी संदेश जाता है कि सरकार सभी समुदायों के साथ मिलकर राष्ट्रीय एकता और समरसता बनाए रखना चाहती है।
दाऊदी बोहरा का योगदान
बोहरा समुदाय व्यापार, शिक्षा, सामाजिक सेवा और स्वच्छता अभियानों में अग्रणी रहा है। उन्होंने मुंबई, इंदौर और सूरत जैसे शहरों में बड़े पैमाने पर स्वच्छता और स्वास्थ्य कार्यक्रमों को चलाया है। साथ ही, उनके स्कूल और अस्पताल भी गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करते हैं।
जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर इस मुलाकात को सकारात्मक रूप से देखा गया है। लोगों ने प्रधानमंत्री के खुले दृष्टिकोण की सराहना की और यह उम्मीद जताई कि सरकार और विभिन्न समुदायों के बीच ऐसा संवाद आगे भी जारी रहेगा।