राजस्थान के पोखरण क्षेत्र में पाकिस्तान की मिसाइल के मलबे मिलने से हड़कंप मच गया है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने घटनास्थल को घेरकर जांच शुरू कर दी है। इस घटना से सीमा पर सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ी है, वहीं रक्षा विशेषज्ञ इसे गंभीर अंतरराष्ट्रीय मामला बता रहे हैं।
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राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित पोखरण परीक्षण रेंज में उस समय सनसनी फैल गई जब स्थानीय लोगों ने एक संदिग्ध मिसाइल के मलबे को देखा और इसकी सूचना प्रशासन को दी। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि मलबा पाकिस्तान निर्मित मिसाइल का हो सकता है, जिसे किसी तकनीकी गड़बड़ी के चलते भारतीय सीमा में गिरा दिया गया। यह घटना भारत-पाक सीमा की संवेदनशीलता को और अधिक उजागर करती है।
घटना की सूचना मिलते ही भारतीय सेना, DRDO और स्थानीय पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पूरे इलाके को सील कर दिया। बम स्क्वॉड और फॉरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया, जो मिसाइल के टुकड़ों की जांच कर रही है। इस बीच, सेना के उच्चाधिकारियों ने इसे एक संभावित सीमा उल्लंघन के तौर पर गंभीरता से लिया है और केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी गई है।
इस पूरे घटनाक्रम ने बड़ा सवाल खड़ा किया है—क्या यह पाकिस्तानी मिसाइल जानबूझकर दागी गई थी या यह एक तकनीकी गड़बड़ी का नतीजा थी? सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह जानबूझकर किया गया है तो यह एक आक्रामक सैन्य हरकत है, जिस पर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत को प्रतिक्रिया देनी चाहिए। वहीं अगर यह तकनीकी चूक है, तो भी पाकिस्तान को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी और उचित स्पष्टीकरण देना होगा।
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तानी मिसाइल या ड्रोन भारतीय सीमा में देखे गए हैं। इससे पहले भी पंजाब और राजस्थान सीमा पर ऐसे कई ड्रोन देखे जा चुके हैं जिनका संबंध पाकिस्तान से रहा है। यह घटना सीमा पार खतरे और भारत की सुरक्षा तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
केंद्र सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। वहीं विदेश मंत्रालय ने भी संकेत दिए हैं कि इस विषय को कूटनीतिक स्तर पर उठाया जाएगा। भारत पहले ही पाकिस्तान को कई बार उसकी असुरक्षित सैन्य प्रणाली के कारण चेतावनी दे चुका है।
पोखरण के आसपास के गांवों में इस घटना के बाद डर और चिंता का माहौल है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर यह मलबा रिहायशी क्षेत्र में गिरता तो भारी जान-माल का नुकसान हो सकता था। ग्रामीणों ने सरकार से सीमा पर निगरानी बढ़ाने की मांग की है।
रक्षा विश्लेषकों के अनुसार, यह घटना भारत के लिए सतर्कता बढ़ाने का संकेत है। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की सैन्य प्रणाली में लापरवाही और तकनीकी खामी दोनों ही भारत के लिए खतरा हैं। भारत को अपनी एयर डिफेंस प्रणाली को और सशक्त बनाना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।