जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में हैदराबाद में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कैंडल मार्च निकाला। उन्होंने शांति और न्याय की अपील करते हुए सरकार से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। इस मार्च में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया और पीड़ितों के प्रति संवेदना प्रकट की।
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हमले में कई निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, जिसके विरोध में हैदराबाद में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने एक कैंडल मार्च का आयोजन किया। इस शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया और आतंकवाद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की।
असदुद्दीन ओवैसी ने मार्च की अगुवाई करते हुए कहा कि “देश को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा। निर्दोष लोगों पर इस तरह के हमले मानवता के खिलाफ अपराध हैं और इसके दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।” उन्होंने शांति और सहिष्णुता का संदेश देते हुए केंद्र सरकार से मांग की कि आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
इस कैंडल मार्च का उद्देश्य केवल हमले का विरोध करना नहीं था, बल्कि देशवासियों को यह संदेश देना भी था कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभी को साथ आना चाहिए। ओवैसी ने कहा कि किसी भी धर्म या समुदाय का व्यक्ति इस प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं कर सकता। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ आतंकियों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए तेज कार्रवाई करनी चाहिए।
कैंडल मार्च में शामिल लोग हाथों में मोमबत्तियां और बैनर लिए हुए थे, जिन पर “We Stand Against Terrorism” और “Justice for Victims” जैसे संदेश लिखे थे। कई लोग भावुक नजर आए और उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट की। इस मार्च ने यह साबित कर दिया कि देश की जनता आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है और निर्दोष लोगों के खून की कीमत जानती है।
अपने संबोधन में असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार से अपील की कि वह इस हमले के दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाए। उन्होंने कहा कि आतंकी संगठनों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाना चाहिए और सुरक्षा एजेंसियों को और अधिक सशक्त किया जाना चाहिए। ओवैसी ने यह भी कहा कि “आतंकियों को पनाह देने वाले तत्वों पर भी कड़ी नजर रखी जाए और आवश्यक कार्रवाई की जाए।”
ओवैसी ने यह भी सुझाव दिया कि देशभर में आतंकवाद के खिलाफ एक राष्ट्रीय जागरूकता अभियान चलाया जाए, ताकि युवाओं को गुमराह करने वाली शक्तियों को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से केवल निर्दोष लोग प्रभावित नहीं होते, बल्कि पूरा देश आहत होता है। इसलिए, इस लड़ाई में सभी वर्गों को सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।