विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दुनिया को एक सख्त संदेश देते हुए कहा कि भारत आज वैश्विक स्तर पर कई चुनौतियों का सामना कर रहा है लेकिन हर मोर्चे पर मजबूती से खड़ा है। पाकिस्तान से बढ़ते तनाव और अंतरराष्ट्रीय मंच पर बदलती रणनीति के बीच जयशंकर ने भारत की दृढ़ नीति और आत्मनिर्भर कूटनीति पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत अब किसी के दबाव में नहीं, बल्कि अपने दम पर विश्व मंच पर निर्णय लेने वाला राष्ट्र बन गया है।
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दुनियाभर में बदलते भू-राजनीतिक माहौल और पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत अब वैश्विक स्तर पर उभरती चुनौतियों से डरने वाला नहीं, बल्कि उनका डटकर मुकाबला करने वाला देश बन चुका है। जयशंकर ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंध एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में हैं।
जयशंकर ने कहा, “भारत आज उस स्थिति में है जहां वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए किसी भी चुनौती का मुकाबला करने के लिए तैयार है। यह नया भारत है, जो कूटनीति में आत्मविश्वास, रणनीति में स्पष्टता और निर्णय में दृढ़ता रखता है।”
जयशंकर ने भारत की विदेश नीति में हो रहे बदलाव की ओर इशारा करते हुए कहा कि अब भारत दबाव की राजनीति में नहीं, साझेदारी की कूटनीति में यकीन रखता है। उन्होंने कहा कि भारत अब अपनी विदेश नीति को दूसरों की नजरों से नहीं, अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर तय करता है।
भारत अब स्वतंत्र वैश्विक दृष्टिकोण अपनाते हुए सामरिक साझेदारियों को मजबूत कर रहा है, चाहे वह अमेरिका हो, रूस, यूरोपीय संघ या एशियाई देश। जयशंकर ने यह भी जोड़ा कि भारत विश्वास, स्थिरता और नेतृत्व की भूमिका में उभर रहा है, जो वैश्विक मंच पर इसकी स्वीकृति को दर्शाता है।
हालांकि जयशंकर ने पाकिस्तान का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया, लेकिन उनके शब्दों में सीमापार आतंकवाद, अस्थिरता फैलाने की साजिशों और दोहरी नीति अपनाने वाले पड़ोसी देशों को स्पष्ट संदेश था। उन्होंने कहा कि “कुछ ताकतें भारत की स्थिरता और विकास को रोकने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन हम न सिर्फ सजग हैं, बल्कि उनके जवाब के लिए पूरी तरह से तैयार भी हैं।”
यह बयान उस समय आया है जब पाकिस्तान से आतंकी गतिविधियों और घुसपैठ की घटनाएं फिर से तेज़ हो रही हैं। भारत सरकार ने इन परिस्थितियों को देखते हुए राजनयिक स्तर पर सख्त रुख अपनाने के संकेत दिए हैं।
विदेश मंत्री ने भारत की जी20 अध्यक्षता, QUAD की भागीदारी, और ब्रिक्स सम्मेलन में सक्रिय भूमिका का उल्लेख करते हुए बताया कि भारत अब वैश्विक मामलों में एक निर्णायक शक्ति के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि आज जब विश्व बड़ी चुनौतियों से जूझ रहा है—चाहे वह जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा, या आतंकवाद हो—भारत उन सभी मुद्दों पर नेतृत्वकारी भूमिका निभा रहा है।
जयशंकर ने देश के युवाओं और नागरिकों से भी आह्वान किया कि वे भारत की इस विकास यात्रा में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा, “हम जिस दौर से गुजर रहे हैं, वह इतिहास में परिवर्तन का काल है। ऐसे समय में हर भारतीय को देश की छवि और ताकत को वैश्विक मंच पर मजबूती से प्रस्तुत करने में सहभागी बनना चाहिए।”