'ऑपरेशन सिन्दूर’ के तहत पाकिस्तान के आतंकी शिविरों पर भारत की सैन्य कार्रवाई को AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने खुला समर्थन दिया है। उन्होंने 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे लगाते हुए आतंकवाद के खिलाफ सरकार की रणनीति की सराहना की। इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है और जनता के बीच सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।
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पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर की गई भारत की सटीक कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ को लेकर राजनीतिक और सैन्य हलकों में चर्चाओं का दौर जारी है। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का ताजा बयान इस विषय में नया मोड़ ले आया है। उन्होंने न सिर्फ इस ऑपरेशन का समर्थन किया, बल्कि ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ का नारा भी लगाया, जिसे लेकर पूरे देश में हलचल मच गई है।
ओवैसी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब केंद्र सरकार ने एलओसी पार स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए ऑपरेशन सिन्दूर को अंजाम दिया। सेना ने इसे एक सफल सर्जिकल स्ट्राइक बताया है, जिसमें कई आतंकवादी शिविर तबाह किए गए। ओवैसी ने कहा, “जो पाकिस्तान हमारी धरती पर खून बहाने की साजिश रचता है, उसका मुंहतोड़ जवाब देना जरूरी है। मैं सरकार के इस कदम का समर्थन करता हूं।”
ऑपरेशन सिन्दूर की पृष्ठभूमि में हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर और पंजाब में बढ़ती आतंकी गतिविधियों को जिम्मेदार ठहराया गया है। सूत्रों के अनुसार, इस कार्रवाई के दौरान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी शिविरों पर टारगेटेड एयरस्ट्राइक की गई। visuals और सैटेलाइट इमेजेज से यह साबित हुआ है कि ये आतंकी शिविर सक्रिय रूप से नई घुसपैठ की योजना बना रहे थे।
ओवैसी का बयान, जो अक्सर केंद्र की नीतियों पर सवाल उठाते रहे हैं, इस बार एक अलग तेवर में सामने आया। उन्होंने कहा, “देश की सुरक्षा सर्वोपरि है। आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। हमें एकजुट होकर इसका विरोध करना चाहिए।” उनके इस बयान को विभिन्न राजनीतिक पार्टियों और जनता द्वारा सराहा गया है।
ऑपरेशन सिन्दूर न सिर्फ एक सैन्य मिशन था, बल्कि यह एक स्पष्ट संदेश था कि भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा। इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की तरफ से घबराहट देखने को मिली और कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसने भारत की शिकायत की, लेकिन कोई ठोस समर्थन नहीं मिला।
भारतीय सेना ने इस मिशन को बगैर किसी हताहत के पूरा किया, जो उनकी योजना, दक्षता और रणनीतिक कौशल का परिचायक है। रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि यह अभियान आतंकियों को स्पष्ट संदेश देता है कि भारत अब केवल प्रतिक्रिया नहीं देगा, बल्कि आवश्यक हो तो पहले भी हमला कर सकता है।
देशभर में सोशल मीडिया पर ‘#OperationSindoor’ ट्रेंड कर रहा है। लोग ओवैसी के बयान की क्लिप शेयर कर रहे हैं और उन्हें ‘राष्ट्रहित में बोलने वाला नेता’ बता रहे हैं। खासकर मुस्लिम युवाओं के बीच यह संदेश गया है कि आतंकवाद को किसी भी सूरत में समर्थन नहीं मिलना चाहिए।
इस बीच, विपक्षी दलों ने भी इस ऑपरेशन पर सवाल उठाने से परहेज किया है, और कुछ नेताओं ने तो इसे ‘जरूरी कार्रवाई’ भी बताया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) और सेना प्रमुख ने मिलकर यह सुनिश्चित किया कि ऑपरेशन सीमित समय में सफल हो और किसी तरह की अंतरराष्ट्रीय आलोचना का मौका ना मिले।
निष्कर्ष:
‘ऑपरेशन सिन्दूर’ भारत की आतंक के खिलाफ नीति की स्पष्ट घोषणा है। असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेता का समर्थन यह दर्शाता है कि अब आतंकवाद के मुद्दे पर देश की राजनीतिक एकता और जनता का मनोबल एक नई दिशा की ओर बढ़ रहा है। पाकिस्तान को सख्त संदेश मिल चुका है — भारत अब खामोश नहीं रहेगा।