पाकिस्तान ने एक बार फिर अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देते हुए भारत की सीमा में स्थित स्कूल और चर्च को निशाना बनाकर गोलाबारी की। इस हमले में कई निर्दोष नागरिक बाल-बाल बचे, जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई है। भारतीय सुरक्षा बलों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जवाबी फायरिंग की और पाकिस्तान को करारा जवाब दिया।
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जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाके में एक बार फिर पाकिस्तान ने सीज़फायर उल्लंघन करते हुए निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया है। इस बार पाकिस्तान की फायरिंग का शिकार बना एक स्कूल और एक चर्च, जो पूरी तरह से गैरसैन्य क्षेत्र में स्थित थे। यह घटना न केवल एक सैन्य उल्लंघन है, बल्कि मानवता के खिलाफ अपराध भी है।
इस हमले में कई छात्र उस समय स्कूल में मौजूद थे, जबकि कुछ ग्रामीण चर्च में प्रार्थना कर रहे थे। गोलीबारी के दौरान अफरातफरी मच गई, लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों की तत्परता और स्थानीय प्रशासन की सतर्कता के चलते एक बड़ी त्रासदी टल गई। हालांकि कुछ नागरिकों को मामूली चोटें आई हैं और संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा है।
भारतीय सेना ने पाकिस्तान की इस कायराना हरकत का माकूल जवाब दिया। एलओसी (LoC) पर तैनात जवानों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी चौकियों को निशाना बनाया। सेना ने स्पष्ट किया कि भारत किसी भी प्रकार की उकसावे की कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं करेगा और हर गोली का जवाब गोली से दिया जाएगा।
सेना के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान की इस निंदनीय हरकत के पीछे आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने की मंशा है। स्कूल और चर्च जैसे धार्मिक और शैक्षणिक स्थलों को निशाना बनाकर पाकिस्तान ने एक बार फिर अपनी नीयत साफ कर दी है कि उसे शांति से कोई लेना-देना नहीं।
घटना के बाद सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोग भयभीत हैं। स्कूल को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया गया है और सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सरकार ने स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि पीड़ितों को हरसंभव सहायता प्रदान की जाए और अस्थायी शिविरों में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए।
गृह मंत्रालय ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष समीक्षा बैठक बुलाई है जिसमें सुरक्षा व्यवस्था को और मज़बूत करने पर चर्चा की गई। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने केंद्र से अतिरिक्त बलों की मांग भी की है।
भारत इस हमले को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की तैयारी कर रहा है। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी है और कहा है कि धार्मिक स्थलों और स्कूलों पर हमला अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है। भारत संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संस्थाओं में इस घटना को उजागर करेगा ताकि पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव डाला जा सके।
विपक्षी दलों ने इस घटना की तीखी निंदा की है और सरकार को पूरा समर्थन देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा पर राजनीति नहीं होनी चाहिए और इस तरह की घटनाओं के खिलाफ पूरे देश को एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए।