जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिल्ली में कैंडल मार्च का नेतृत्व किया। इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन के जरिए राहुल गांधी ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और देशवासियों से एकजुट होकर आतंक के खिलाफ लड़ने की अपील की। उन्होंने सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग भी उठाई।
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को दहला दिया है। इस हमले में कई निर्दोष पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों की जान चली गई। घटना के विरोध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिल्ली में एक कैंडल मार्च का नेतृत्व किया, जिसमें सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता और आम नागरिक शामिल हुए। मार्च इंडिया गेट से शुरू होकर राष्ट्रीय समर स्मारक तक गया, जहां शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई।
राहुल गांधी ने मार्च के दौरान कहा कि “यह कायरतापूर्ण हमला हमारे देश की अखंडता और भाईचारे पर हमला है। हमें एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़ा होना होगा।” उन्होंने आगे सरकार से मांग की कि आतंकी संगठनों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए और निर्दोष लोगों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
कैंडल मार्च के दौरान राहुल गांधी ने न केवल शहीदों के प्रति श्रद्धा व्यक्त की, बल्कि जनता से भी अपील की कि राजनीति से ऊपर उठकर इस समय राष्ट्रीय एकता को मजबूत करें। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का मुकाबला केवल सरकार ही नहीं, बल्कि पूरे देश को मिलकर करना होगा।
राहुल गांधी का यह कदम एक भावनात्मक और प्रेरणादायक संदेश था, जिसमें उन्होंने आतंक के खिलाफ देशभर में एकता की आवश्यकता को रेखांकित किया। साथ ही उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और केंद्र से जल्द से जल्द पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग की।
राहुल गांधी के कैंडल मार्च में कई अन्य विपक्षी दलों के नेता भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर एकजुट होने की जरूरत है। इस एकता ने एक मजबूत संदेश दिया कि पूरा भारत आतंकवाद के खिलाफ एक साथ खड़ा है और किसी भी हाल में इस प्रकार के हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में सरकार से सवाल भी किए कि आखिर कब तक निर्दोष लोग आतंकवाद का शिकार होते रहेंगे। उन्होंने कहा कि “हमारी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की आवश्यकता है ताकि इस तरह की घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके।” उन्होंने कहा कि आतंकियों को न सिर्फ पकड़ना जरूरी है बल्कि उनकी जड़ों तक पहुंचकर आतंकवाद को खत्म करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।