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पहलगाम आतंकी हमले के बाद शांति की पहल: ऑपरेशन सिंदूर, युद्ध के हालात और सीजफायर पर वैश्विक भूमिका

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत में युद्ध जैसे हालात बन गए थे। हालांकि भारत सरकार ने त्वरित सैन्य प्रतिक्रिया के बाद "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत सीमित सैन्य कार्रवाई की और अब अंतरराष्ट्रीय दबाव और घरेलू संतुलन के चलते सीजफायर की घोषणा की गई है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका इस शांति प्रक्रिया में अहम रही।

By bishanpreet345@gmail.com 

Updated Date

पहलगाम हमले के बाद युद्ध जैसे हालात

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जब निर्दोष नागरिकों की जान गई, तब पूरे देश में आक्रोश की लहर दौड़ गई। केंद्र सरकार ने इस हमले को सीधे-सीधे सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद करार दिया। इसके बाद सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया और सीमावर्ती इलाकों में भारी सैन्य तैनाती की गई। स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि युद्ध जैसे हालात बन गए थे।

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ऑपरेशन सिंदूर: भारत की जवाबी कार्रवाई

भारत ने संयम दिखाते हुए एक सुविचारित और लक्षित सैन्य अभियान चलाया, जिसे ऑपरेशन सिंदूर” नाम दिया गया। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सेना ने आतंक के ठिकानों को नष्ट करने के लिए सीमित सैन्य कार्रवाई की, जिससे आतंकियों को भारी नुकसान पहुंचा। इस ऑपरेशन की खासियत यह थी कि इसमें आम नागरिकों को नुकसान हो, और आतंकियों के नेटवर्क को निशाना बनाया जाए।

ऑपरेशन सिंदूर को सरकार ने रणनीतिक रूप से डिजाइन किया, जिससे पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया जा सके कि भारत अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। इससे देश में राष्ट्रवाद की भावना भी प्रबल हुई और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि एक मजबूत राष्ट्र के रूप में उभरी।

सीजफायर की घोषणा: शांति की ओर एक कदम

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारत ने यह तय किया कि अब सीजफायर की घोषणा कर क्षेत्र में शांति बहाल करने की कोशिश की जाएगी। यह निर्णय सेना और कूटनीतिक विशेषज्ञों के सुझाव पर लिया गया। इससे केवल सीमा पर तनाव कम हुआ, बल्कि आम नागरिकों को भी राहत मिली।

सीजफायर के पीछे रणनीति यह रही कि आतंक के खिलाफ कार्रवाई जारी रहे, लेकिन पूर्ण युद्ध से बचा जाए ताकि अंतरराष्ट्रीय दबाव से बचा जा सके और अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाला असर भी न्यूनतम हो।

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डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका: वैश्विक समर्थन का संकेत

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस पूरे घटनाक्रम में एक बार फिर भारत के साथ मजबूती से खड़े होने की बात की। उन्होंने सीधा संदेश दिया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत के अभियान को अमेरिका का पूरा समर्थन है। ट्रंप ने ट्विटर के माध्यम से यह भी कहा कि “भारत को अपने नागरिकों की रक्षा करने का पूरा अधिकार है।”

अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी भारत के पक्ष में बयान दिया और पाकिस्तान को चेताया कि वह आतंकियों को समर्थन देना बंद करे। ट्रंप की यह सक्रिय कूटनीतिक भागीदारी भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत रही।

शांति प्रक्रिया और आगे की राह

सीजफायर की घोषणा के बाद अब केंद्र सरकार घाटी में विकास, शिक्षा और रोजगार के मुद्दों को प्राथमिकता दे रही है ताकि आतंकवाद को जड़ से खत्म किया जा सके। साथ ही, सेना का काउंटर-टेरर ऑपरेशन जारी रहेगा और किसी भी आतंकी गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जाएगी।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से अमेरिका, फ्रांस और जापान ने भारत की इस संयमित लेकिन मजबूत नीति की सराहना की है। इससे साफ है कि भारत अब केवल रक्षात्मक नहीं बल्कि प्रो-एक्टिव राष्ट्रीय सुरक्षा नीति अपना रहा है।

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