विदेश मंत्रालय (MEA) ने पाकिस्तान की पुरानी आदतों पर तंज कसते हुए कहा कि वह हर हार के बाद ढोल बजाता है। "परास्त हो जाओ लेकिन ढोल बजाओ" जैसी टिप्पणी के जरिए भारत ने पाकिस्तान की मीडिया प्रोपेगेंडा रणनीति को बेनकाब किया है। बयान से यह स्पष्ट है कि भारत अब पाकिस्तान के झूठे नैरेटिव को खुलकर चुनौती दे रहा है।
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भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने एक बार फिर पाकिस्तान को उसके दोहरे मापदंडों और झूठे प्रचारों पर करारा जवाब दिया है। हाल ही में दिए गए बयान में MEA ने पाकिस्तान की आदत पर व्यंग्य करते हुए कहा, “परास्त हो जाओ लेकिन ढोल बजाओ।” यह टिप्पणी उस प्रवृत्ति की ओर इशारा करती है जिसमें पाकिस्तान, हार या नाकामी के बाद भी जीत का झूठा ढोल पीटता है।
पाकिस्तान द्वारा बार-बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ झूठे आरोप लगाना, और हर राजनयिक हार को जीत बताना कोई नई बात नहीं है। चाहे वह कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की चर्चा हो या FATF जैसी संस्थाओं में ब्लैकलिस्ट होने से बचने की कोशिश — पाकिस्तान हमेशा अपने देश की जनता को भ्रम में रखने के लिए मीडिया प्रचार का सहारा लेता है।
MEA की यह टिप्पणी हाल ही में पाकिस्तान द्वारा सीमा पर हुए संघर्ष को लेकर दिए गए बयान के बाद आई है, जिसमें इस्लामाबाद ने भारत पर दोष मढ़ने की कोशिश की थी। भारत ने न केवल इन आरोपों को खारिज किया, बल्कि यह भी कहा कि पाकिस्तान अपनी विफलताओं को ढकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने की कोशिश करता है।
“परास्त हो जाओ लेकिन ढोल बजाओ” जैसे शब्दों में MEA की यह प्रतिक्रिया न केवल व्यंग्यात्मक थी, बल्कि बेहद सटीक भी। इससे यह संदेश गया कि भारत अब पाकिस्तान की रणनीतियों का कड़ा जवाब देगा और उनके झूठे प्रचार को उजागर करेगा।
विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान की यह रणनीति लंबे समय से चली आ रही है, जहां हार को जीत में तब्दील कर मीडिया और आम जनता के सामने परोसा जाता है। यह एक तरह की “नैरेटिव वॉर” है, जिसमें पाकिस्तान बार-बार असफल रहा है, लेकिन अपनी कोशिशें नहीं छोड़ता।
इस बार MEA ने जिस तरह से जवाब दिया है, उससे यह स्पष्ट है कि भारत अब केवल डिप्लोमैटिक भाषा में नहीं, बल्कि सटीक और समझने योग्य शब्दों में भी प्रतिक्रिया दे रहा है — ताकि आम लोग भी सच्चाई को समझ सकें।
भारत का यह रुख सोशल मीडिया पर भी छा गया है। ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर #ParastaHoJaoLekinDholBajao ट्रेंड करने लगा, जहां लोगों ने MEA की तारीफ की और पाकिस्तान के झूठे दावों की आलोचना की।
इस घटनाक्रम से यह भी साफ हो गया है कि अब भारत केवल डिफेंसिव नहीं, बल्कि ऑफेंसिव डिप्लोमेसी को भी अपना रहा है — खासकर उन मामलों में जहां पाकिस्तान की ओर से बार-बार उकसावे की राजनीति की जा रही है।
इसके अलावा, विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के बयान अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी एक स्पष्ट संदेश देते हैं कि भारत अब सिर्फ कूटनीति नहीं, बल्कि रणनीतिक संवाद के जरिये भी अपना पक्ष मजबूती से रख रहा है।
वर्तमान परिदृश्य में जब पड़ोसी देश अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए झूठे दावे करते हैं, तब भारत की ऐसी प्रतिक्रिया न केवल सशक्त है, बल्कि राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक भी है।