असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान पर कड़ा हमला बोलते हुए कहा है कि वह पठानकोट हमले पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा, लेकिन भारत से लगातार सबूतों की मांग करता रहता है। उन्होंने पाकिस्तान की नीयत और रवैये पर सवाल उठाए हैं और भारत सरकार से भी जवाबदेही की मांग की है। ओवैसी के इस बयान ने फिर से आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे को गर्मा दिया है।
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पाकिस्तान का दोहरा रवैया: असदुद्दीन ओवैसी का बयान आया सामने
पाकिस्तान एक बार फिर अपनी कूटनीतिक चालों और आतंकवाद पर ढुलमुल रवैये को लेकर कटघरे में है। AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने हाल ही में पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि वह भारत से लगातार पठानकोट हमले के सबूत मांग रहा है, जबकि खुद उस आतंकी हमले पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सका है।
ओवैसी ने अपने बयान में साफ कहा कि भारत को अब पाकिस्तान की चालों को समझना होगा और कड़े कदम उठाने चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर पाकिस्तान को कितने सबूत चाहिए और कब तक भारत अपने जवानों की शहादत का मोल यूं ही चुकाता रहेगा?
पठानकोट हमला: एक बार फिर चर्चा में क्यों?
जनवरी 2016 में हुआ पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमला भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ा झटका था। पाकिस्तान से आए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया था, जिसमें भारतीय सुरक्षाबलों के कई जवान शहीद हुए थे। भारत ने पाकिस्तान को पुख्ता सबूत सौंपे थे, लेकिन अब तक पाकिस्तान की ओर से इस मामले में कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं हुई है।
ओवैसी का कहना है कि पाकिस्तान केवल अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खुद को निर्दोष दिखाने के लिए सबूत मांगता है, जबकि उसकी मंशा कभी भी आतंकियों पर कार्रवाई करने की नहीं रही।
ओवैसी ने भारत सरकार से भी पूछे सवाल
अपने बयान में असदुद्दीन ओवैसी ने सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, भारत सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि इतने वर्षों बाद भी पठानकोट हमले के दोषियों को सजा क्यों नहीं दिलवाई जा सकी?
उन्होंने कहा कि जब कोई भी आतंकी हमला होता है, तब सरकार कड़े कदम उठाने की बात करती है, लेकिन समय बीतते ही सब कुछ शांत हो जाता है। ऐसे में जनता को सिर्फ नारों और भाषणों से नहीं, ठोस कार्रवाई से भरोसा मिलेगा।
आतंकवाद पर सख्ती की जरूरत
ओवैसी ने इस दौरान यह भी कहा कि आतंकवाद केवल सीमा पार की समस्या नहीं है, बल्कि यह एक वैश्विक संकट है और इससे निपटने के लिए केवल बयानबाज़ी नहीं, ठोस रणनीति चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को अब पाकिस्तान की “सबूत मांगने” वाली राजनीति का जवाब उसी की भाषा में देना चाहिए।
उन्होंने सुझाव दिया कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को बेनकाब करना चाहिए और उसकी आतंकी सोच को उजागर करना चाहिए।
राजनीतिक गलियारों में हलचल
ओवैसी के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। कई नेताओं ने उनके बयान का समर्थन किया है, तो कुछ ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया है। हालांकि, आम जनता के बीच ओवैसी की इस बेबाक टिप्पणी ने एक बार फिर से पठानकोट जैसे मुद्दों को चर्चा में ला दिया है।
लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या भारत वाकई में पाकिस्तान को कड़ा जवाब दे पाएगा या यह भी एक और राजनीतिक बयानबाज़ी बनकर रह जाएगा?