बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के सुप्रीम कोर्ट पर दिए गए बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेते ने तीखा पलटवार किया है। उन्होंने इसे लोकतंत्र और न्यायपालिका का अपमान बताया। सुप्रिया का कहना है कि यह बयान संविधान और संस्थानों पर हमला है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
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नई दिल्ली:
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे के हालिया बयान ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ टिप्पणी करने पर कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेते ने दुबे पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा कि यह बयान भारतीय लोकतंत्र और संविधान की आत्मा पर चोट है।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने एक जनसभा के दौरान सुप्रीम कोर्ट को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की थी। उन्होंने कथित तौर पर कहा कि “देश की न्यायपालिका में भी सुधार की ज़रूरत है और सुप्रीम कोर्ट की कुछ गतिविधियां पक्षपाती लगती हैं।” इस बयान को लेकर राजनीतिक हलकों में बवाल मच गया है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेते ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा:
“निशिकांत दुबे का बयान शर्मनाक है। इससे ज़्यादा गैर-जिम्मेदाराना बयान एक सांसद से नहीं आ सकता। यह बयान न केवल न्यायपालिका का अपमान है, बल्कि देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर भी प्रहार है।”
उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी सरकार बार-बार संवैधानिक संस्थाओं को निशाना बना रही है, और यह उसी रणनीति का हिस्सा है।
सुप्रिया ने सवाल उठाया कि आखिरकार बीजेपी नेताओं को सुप्रीम कोर्ट से इतनी परेशानी क्यों है। उन्होंने कहा कि जब-जब अदालतें केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाती हैं, तब-तब भाजपा नेता उन पर व्यक्तिगत हमले करने लगते हैं।
उन्होंने कहा:
“क्या यह लोकतंत्र है, जहाँ सत्ता पक्ष को केवल वही अदालतें अच्छी लगती हैं जो उनके पक्ष में फैसला दें?”
कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इस बयान की निंदा की है और संसद में इस मुद्दे को उठाने की तैयारी कर ली है। सुप्रिया श्रीनेते ने साफ कहा कि निशिकांत दुबे को संसद के पटल पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।
इस पूरे विवाद पर सोशल मीडिया पर भी जनता की प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। ट्विटर पर #ShameOnDubey ट्रेंड कर रहा है। कई यूज़र्स ने निशिकांत दुबे के खिलाफ नाराज़गी जताई है और न्यायपालिका की गरिमा बनाए रखने की अपील की है।
वहीं बीजेपी की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि पार्टी के कुछ नेताओं ने यह जरूर कहा कि दुबे के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है और उनकी मंशा न्यायपालिका का अनादर करने की नहीं थी।
सुप्रिया श्रीनेते का यह पलटवार विपक्ष की ओर से एक मजबूत प्रतिक्रिया मानी जा रही है। यह विवाद आने वाले दिनों में संसद के भीतर और बाहर बहस का विषय बनेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी इस पर क्या रुख अपनाती है और क्या निशिकांत दुबे अपने बयान पर सफाई या माफी देते हैं।