कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने देश की एकता और अखंडता को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि भारत की विविधता ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि कोई भी ताकत देश की एकता पर सवाल नहीं उठा सकती और जो ऐसा करने की कोशिश करेगा, उसे जनता जवाब देगी। पायलट ने राजनीति में जिम्मेदार बयानों और एकजुटता की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने एक जनसभा में बोलते हुए देश की एकता और अखंडता पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, “भारत की पहचान उसकी विविधता, संस्कृति और लोकतंत्र में है। कोई भी व्यक्ति, संस्था या राजनीतिक दल इस एकता को तोड़ने का सपना देखता है, तो वह गलतफहमी में है।“
यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश की राजनीति में तीखी बयानबाज़ी और विभाजनकारी टिप्पणियों का माहौल बन रहा है। पायलट ने बिना किसी दल या व्यक्ति का नाम लिए, देश की मूल भावना को बनाए रखने की अपील की और कहा कि “राष्ट्रवाद का मतलब केवल नारेबाज़ी नहीं, बल्कि सभी धर्मों, जातियों और समुदायों को साथ लेकर चलना है।“
सचिन पायलट ने मीडिया से बातचीत में यह भी कहा कि “लोकतंत्र में असहमति ज़रूरी है, लेकिन जब देश की एकता की बात हो, तो सबको एकजुट होना चाहिए।” उन्होंने यह संदेश भी दिया कि राजनीतिक दलों को चुनावी फायदे के लिए समाज को बांटने की कोशिश से बचना चाहिए।
उन्होंने यह भी जोड़ा, “युवाओं को रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य की चिंता है। हमें इन मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, ना कि देश को धार्मिक या भाषाई आधार पर बांटने पर।“
पायलट ने जोर देते हुए कहा कि भारत की विविधता इसकी सबसे बड़ी शक्ति है, और इसे बचाने की जिम्मेदारी हर नागरिक की है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे नफरत की राजनीति को नकारें और देश के विकास के लिए सकारात्मक सोच और संवाद को प्राथमिकता दें।
उन्होंने कहा, “आज जब देश वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना रहा है, हमें अपनी एकता को और भी मजबूत करना होगा। जो लोग इस एकता को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं, वे देश के खिलाफ काम कर रहे हैं।“
सचिन पायलट ने खास तौर पर देश के युवाओं से अपील की कि वे सोशल मीडिया या राजनीति में फैल रही नफरत से प्रभावित न हों और देश को जोड़ने वाले विचारों का समर्थन करें। उन्होंने कहा, “हमारा भविष्य उन युवाओं के हाथ में है, जो सोच-समझकर फैसला लेंगे और देश को आगे ले जाएंगे।“